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राष्ट्रपति ने जॉर्डन नरेश की मेजबानी की; उन्होंने कहा कि जॉर्डन इस क्षेत्र में स्थिरता का नखलिस्तान रहा है

राष्ट्रपति भवन : 01.03.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (01 मार्च, 2018) राष्ट्रपति भवन में जॉर्डन के महामहिम किंग अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में राजभोज की मेजबानी भी की।

भारत आगमन पर जॉर्डन नरेश का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि जॉर्डन विवादग्रस्त क्षेत्र में स्थिर और शांतिपूर्ण बना हुआ है। यह किंग अब्दुला द्वितीय के शानदार और दूरदर्शी नेतृत्व के कारण ही यह संभव हुआ है। भारत, अकाबा प्रक्रिया के जरिए कट्टरता का मुकाबला करने में उनके नेतृत्व की गहरी सराहना करता हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद हमें प्रतिदिन चुनौती दे रहा है। इसलिए हमें इसे पराजित कने के लिए मिलकर कार्य करना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि जॉर्डन और भारत के हार्दिक और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। भारत जॉर्डन के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि दोनों देशों के फॉस्फेट से संबंधित संयुक्त उद्यम अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय वस्त्र निर्माण कंपनियों ने जॉर्डन में निवेश किया है और उन्हें जॉर्डन की सरकार से भरपूर सहयोग मिल रहा है। राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि भारत और जॉर्डन के बीच विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी, अवसंरचना, दवा और पर्यटन के क्षेत्रों में व्यापार और निवेश बढ़ाने की बहुत गुंजाइश है।

तत्पश्चात्, अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि जॉर्डन ने मध्यपूर्व में प्रमुख भूमिका निभाई है। यह इस क्षेत्र में स्थिरता का एक नखलिस्तान रहा है। बड़ी संख्या में शरणार्थियों को उम्मीद और आश्रय प्रदान करने के लिए हम जॉर्डन की दिल से सराहना करते हैं। एक घनिष्ठ मित्र और साझेदार होने के नाते, शरणार्थियों को मानवीय सहायता देने में आपका हाथ बंटाकर भारत को खुशी हुई है। राष्ट्रपति ने इस क्षेत्र में भारतीय नागरिकों को दी गई सहायता के लिए जॉर्डन की अत्यंत प्रशंसा की।

यह विज्ञप्ति 2005 बजे जारी की गई