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भारत के राष्ट्रपति चिली पहुंचे; उन्होंने शिष्ट-मण्डल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया; भारत-बोलिविया व्यापार मंच के साथ-साथ चिली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 01.04.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द 30 मार्च, 2019 की शाम को तीन देशों - क्रोएशिया, बोलिविया और चिली की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में संतियागो, चिली पहुँचे।

31 मार्च, 2019 को राष्ट्रपति संतियागो में पाब्लो नेरुदा संग्रहालय गए। उन्होंने संग्रहालय को उस परिवार द्वारा निर्मित एक विशेष कलम भेंट किया, जिस परिवार को गांधीजी ने भारत में पहला स्वदेशी फाउंटेन पेन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया था।

उसी शाम, राष्ट्रपति ने चिली में भारत की राजदूत सुश्री अनीता नायर द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय और फ्रेंड्स ऑफ़ इण्डिया की सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विकास और प्रगति की हमारी खोज में, विदेश में निवासरत भारतीय समुदाय हमारा अमूल्य भागीदार है।

आज (1 अप्रैल, 2019), राष्ट्रपति नेलिबरेटर जनरल बर्नार्डो ओ 'हिगिन्स के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पितकरने के साथ अपने कार्यक्रमों की शुरुआत की। इसके बाद, वे ‘ला मोनेदा’ प्रेसिडेंशियल पैलेस गए जहां चिली के राष्ट्रपति, श्री सेबास्तियान पिनेरा ने उनकी अगवानी की और उनका समाहोरिक स्वागत किया गया।

इसके उपरान्त, राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच शिष्ट-मंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत और चिली के बीच अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। लेकिन दोनों देशों के बीच अभी बहुत संभावनाएं हैं। लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में चिली, भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 85% से अधिक ताम्बे का आयात चिली से होता है। व्यापार को और बढ़ाने के लिए हमारे व्यापार परिदृश्य में विविध क्षेत्रों को शामिल किए जाने की आवश्यकता है।

द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए, चिली ने घोषणा की है कि वह वैध अमेरिकी वीजा धारक भारतीय नागरिकों को वीजा मुक्त प्रवेश की अनुमति देगा। राष्ट्रपति ने चिली के फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐसा कदम बताया, जिससे सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।

राष्ट्रपति ने हाल ही में हुए पुलवामा आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए भी चिली को धन्यवाद दिया।दोनों देश हर प्रकार के आतंकवाद के प्रति एक मजबूत वैश्विक प्रतिक्रिया विकसित करने के लिए, और मानवता के खिलाफ ऐसे बर्बर कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों पर जवाबदेही तय करने तथा कार्यवाही करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

भारत ने पहाड़ी युद्धकला और शांति स्थापना पाठ्यक्रमों सहित प्रमुख रक्षा संस्‍थानों में चिली के सशस्त्र बलों को प्रशिक्षण स्लॉट उपलब्‍ध कराने कीभी पेशकश की। दोनों देश ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत संयुक्त रूप से रक्षा उपकरणों के विनिर्माण सहित रक्षा क्षेत्र में सहयोग के अन्य अवसरों की संभावना तलाशने पर भी सहमत हुए।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद, दोनोंराष्ट्रपतियों के सामने खनन, संस्कृति और दिव्यांगता के क्षेत्र में तीन सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर प्रेस वक्तव्य भी जारी किया।

इसके बाद के कार्यक्रम में, राष्ट्रपति ने संतियागो में भारत-चिली बिजनेस राउंडटेबल को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत के लिए और भारतीय व्यापार के लिए, चिली केवल एक बाजार नहीं है; यह बहुत ही महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक साझेदार देश है। लैटिन अमेरिका और प्रशांत गठबंधन में प्रवेश के लिए भारत की राह चिली से होकर गुजरती है। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश अपने व्यापारिक क्षेत्र का विस्तार करने और आर्थिक जुड़ाव के लिए नए मार्ग प्रशस्त करने के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हम समुद्री अनुसंधान और अन्य वैज्ञानिक अन्वेषण जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं। भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में चिली के साथ अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए भी उत्सुक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में, भारत में, एफडीआई के रूपों में लगभग 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया और इसे दुनिया के सबसे लोकप्रिय निवेश स्थलों में से एक माना गया है। इसे देखते हुए, भारत में चिली का साधारण निवेश एक विसंगति है। सदी की शुरुआत से लेकर अब तक, चिली की कंपनियों ने भारत में केवल 150 मिलियन यूएस डॉलर का ही निवेश किया है। इस विसंगति को ठीक करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि चिली की दो स्वायत्त धन निधियां निवेश के मामले में सटीक निर्णयों के लिए प्रसिद्ध हैं। वे भारतीय अवसंरचनागत क्षेत्र में अवसरों पर विचार कर सकते हैं। हम साथ मिलकर ऐसे निवेश उत्पाद डिजाइन कर सकते हैं जो चिली के आर्थिक और सामाजिक स्थिरीकरण कोष के साथ-साथ उसके पेंशन रिजर्व फंड के लिए भी सहायक हों - और भारतीय विकास गाथा में भी अपनी भूमिका निभा सकें। इससे सभी के लिए लाभकारी परिस्थिति निर्मित होगी।

अपने अगले कार्यक्रम में, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति पिनेरा द्वारा आयोजित दोपहर के राजभोज में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा द्विपक्षीय एजेंडा व्यापक है। ऊर्जा से सुरक्षा तक, और योग से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, हमारे पास साथ मिलकर करने के लिए बहुत काम है। उन्होंने कामना की कि हमारी हार्दिक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद मित्रता हमारे दोनों देशों के लोगों की प्रगति के साथ-साथ बढ़ती और फलती फूलती रहे।

चिली के अपने अंतिम कार्यक्रम में, राष्ट्रपति ने ‘युवाओं के लिए गांधी’ (गांधी फॉर द यंग) विषय पर चिली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी सभी संस्कृतियों से जुड़े हुए थे और उन्होंने सभी धर्मों से ज्ञान अर्जित किया। हिंदू धर्म में गहरी आस्था रखते हुए, गांधीजी ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और इस्लाम के साथ-साथ टॉल्स्टॉय, रस्किन और थोरो जैसे विचारकों से भी प्रभावित थे। इस प्रकार वे पूर्व और पश्चिम के सभी सर्वश्रेष्ठ विचारकों के विचारों के संगम का प्रतिनिधित्व करते थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने प्रकृति के साथ सामंजस्‍य बनाकर जीवन जीने के लिए सार्वभौमिक प्रेम की अपनी अवधारणा को आगे बढ़ाया। उन्होंने ऐसे समय में सातत्‍य और पारिस्थितिक संवेदनशीलता दोनों की ही वकालत की जब दुनिया औद्योगिक क्रांति और बढ़ते मशीनीकरण दुनिया की राह पर चल रही थी। उन्होंने उन अवधारणाओं को बढ़ावा दिया जिसे संयुक्त राष्ट्र ने अब सतत विकास लक्ष्यों में समाहित किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी ऐसे अद्वितीय व्यक्तित्व थे जिनसे पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही प्रेरित हुए, जिन्होंने मानवीय प्रयास के नए मार्ग प्रशस्त किए, और ऐसा करते समय उन्होंनेपरंपरा और आध्यात्मिक जड़ों की ताकत और पवित्रता को बरकरार रखा। ऐसे सभी लोग जो आज संदेह और संशय के सागर में डूबे हुए हैं, उन्हें महात्मा गांधी के जीवन, विचार और दर्शन से अंतर्मन की शक्ति और आत्मविश्वास हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी। महात्मा गांधी केवल एक व्यक्ति से कहीं बढ़कर थे, वह एक विचारधारा थे, एक संस्था थे जो अपने उद्भव के सौ साल से अधिक समय के बाद भी गुंजायमान है।

आज ही शाम (1 अप्रैल, 2019) को, राष्ट्रपति भारत के लिए वापसी की यात्रा के लिए केपटाउन से रवाना हुए। यात्रा के दौरान वे केपटाउन में पारगमन के लिए ठहरेंगे और भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।