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भारत के राष्ट्रपति ने गाम्बिया की नेशनल असेंबली को संबोधित किया; उन्होंने कहा कि संस्था निर्माण क्षमता को सुदृढ़ बनाने और लोकतंत्र के कार्यकरण में गाम्बिया की सहायता के लिए भारत प्रतिबद्ध है

राष्ट्रपति भवन : 01.08.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने कल (31 जुलाई, 2019) बांजुल में गाम्बिया की नेशनल असेम्बली को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और अफ्रीका के समक्ष विकास की एक जैसी चुनौतियां हैं और दोनों की जरूरतें भी समान हैं। अफ्रीका की आर्थिक संभावनाएं और भारत की प्रगति एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं। हमारे बीच व्यापार और निवेश संबंध बेहतर हो रहे हैं। 2017-18 के लिए हमारा द्विपक्षीय व्यापार 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक रहा। भारत 54 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के संचयी निवेश के साथ अफ्रीका का पांचवा सबसे बड़ा निवेशक बन गया है। इस महीने शुरू हुए ‘अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते’ से अफ्रीका दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र बन जाएगा। भारत इस घटना को एक ऐसे अवसर के रूप में देखता है जिससे अफ्रीका के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीकी प्राथमिकताओं और टिकाऊ साझेदारी पर आधारित हमारा विकास सहयोग, इसमहाद्वीप के साथ हमारे जुड़ाव की एक प्रमुख विशेषता है। दक्षिण एशिया के बादअफ्रीकी महाद्वीप, भारतीय विदेशी सहायता प्राप्त करने वाला सबसे बड़ा क्षेत्र है। 41 देशों को 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कुल राशि के 181 ऋणों की व्‍यवस्‍था प्रदान की गई है। हमारी परियोजनाओं से पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के सभी अफ्रीकी लोगों के जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि गाम्बिया के साथ भारत की विशेष विकास विशेष साझेदारी है। भारत ने गाम्बिया की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, क्षमता निर्माण को समर्थन दिया है, अवसंरचनात्मक परियोजनाओं को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता दी है और इस प्रकार इसकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सहायता की है। भारत ने ग्रामीण विकास, कृषि, पेयजल, स्वास्थ्यचर्या और गाम्बिया में भौतिक अवसंरचना की स्‍थापना के कार्यक्रमों के लिए 78.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के रियायती ऋण की व्‍यवस्‍था की है। 92 मिलियन अमेरिकी डॉलर का एक और ऋण उपलब्‍ध कराया गया है। प्रत्येक वर्ष, शिक्षा के लिए, कौशल विकास के लिए औरडिजिटल दुनिया से रूबरू होने के लिए गाम्बिया से युवा भारत आते हैं। हम संस्थाओं के निर्माण और लोकतंत्र के कार्यकरण में सहायता प्रदान करने के लिए गाम्बिया की क्षमता को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

शाम (31 जुलाई, 2019) को, राष्ट्रपति ने सेनेगल और गाम्बिया में भारत के राजदूत, श्री राजीव कुमार द्वारा आयोजित भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विकास और प्रगति ने हमारे प्रयासों में, प्रवासी भारतीय समुदाय हमारा अमूल्य भागीदार है। हम उनके साथ गहरे और मजबूत जुड़ाव के अभिलाषी हैं। विदेशों में अपने प्रवासी भारतीय समुदाय का समर्थन करने के लिए, लोक सेवाओं को सुचारू, सुगम और दक्ष बनाने पर हमारा विशेष ध्यान है। पासपोर्ट, कोंसुलर दस्तावेज और ओसीआई कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हमने कई उपाय किए हैं। जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने की दृष्टि से, त्वरित और लक्षित सेवा उपलब्‍ध कराने के लिए हमने सोशल मीडिया, एप और डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं।

राष्ट्रपति ने नोट किया कि जब कभी भी स्थानीय समुदाय द्वारा सहायता मांगी गई है, भारतीय समुदाय हमेशा मदद के लिए आगे आया है। इस क्षेत्र में इबोला संकट के दौरान, प्रवासी भारतीय समुदाय ने, आपातकालीन सहायता में गाम्बिया सरकार के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जब भी गाम्बिया के राष्ट्रीय अस्पताल में दवाओं या जरूरी वस्तुओं की कमी हुई है, इस समुदाय ने एकजुट होकर इसकी व्यवस्था की है।

आज (1 अगस्त, 2019), राष्ट्रपति बेनिन, गाम्बिया और गिनी की तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में गिनी गणराज्य के लिए रवाना होंगे। गिनी रवाना होने से पहले राष्ट्रपति बांजुल में ‘महात्मा गांधी और खादी’ से जुड़ी आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।