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गांधी जयंती की पूर्व संध्‍या पर राष्‍ट्रपति का संदेश

राष्ट्रपति भवन : 01.10.2017

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भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द ने गांधी जयंती की पूर्व संध्‍या पर देशवासियों को संदेश दिया।

अपने संदेश में उन्‍होंने कहा ‘’गांधी जयंती हम सभी के लिए राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के आदर्शों और मूल्‍यों के प्रति स्‍वयं को पुन: समर्पित करने का अवसर है।

नैतिक मूल्‍यों को सिखाने वाले उपदेशक तथा सादा जीवन जीने वाले गांधीजी ने अपने कुशल नेतृत्‍व से देश को एक नई दिशा दी। अहिंसा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्‍व के उनके दर्शन की वर्तमान में प्रासंगिकता बढ़ गई है। उन्‍होंने चरखे और खादी के माध्‍यम से, आत्‍मनिर्भरता और श्रम की गरिमा के महत्‍व पर बल दिया।

स्‍वच्‍छता सफाई-कर्मियों और सरकारी विभागों का ही दायित्‍व नहीं है। यह एक राष्‍ट्रीय आंदोलन है जिसमें सभी की भागीदारी है। आज, भारत‘स्‍वच्‍छता ही सेवा’ अभियान के द्वारा साफ-सफाई और स्‍वच्‍छता की निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। गांधीजी मानते थे कि‘स्‍वच्‍छता सबसे बड़ा धर्म है’। वे स्‍वच्‍छता को तीन आयामों-स्‍वच्‍छ मन, स्‍वच्‍छ तन और स्‍वच्‍छ परिवेश के रूप में देखा करते थे। आइए, हम सब सार्वजनिक स्‍वच्‍छता, व्‍यक्तिगत स्‍वच्‍छता और वातावरण की स्‍वच्‍छता का संकल्‍प लें।

गांधी जयंती के अवसर पर ‘स्‍वच्‍छ भारत मिशन’ के लक्ष्‍यों को शीघ्रतिशीघ्र हासिल करना ही गांधीजी के प्रति सच्‍ची श्रद्धा एवं सम्‍मान की अभिव्‍यक्ति होगी।‘’

यह विज्ञप्ति 1600 बजे जारी की गई