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भारत के राष्ट्रपति ने सीआईआई एग्रोटेक इंडिया 2018 के 13वें संस्करण का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 01.12.2018

भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने चंडीगढ़ में आज (1 दिसंबर, 2018) सीआईआई एग्रोटेक इंडिया के 13वें संस्करण का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृषि को परंपरागत प्रौद्योगिकी;जलवायु परिवर्तन से सुरक्षा,कीमतों में उतार-चढ़ाव और मांग सम्बन्धी समस्याओं के साथ अपने संबंधों के नवीकरण की और व्‍यापार क्षेत्र की सहभागिता एवं सतत निवेश की आवश्यकता हैl यह सब साथ मिलकर कृषि के मूल्य और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के साथ-साथ आय भी बेहतर करेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि मानव इतिहास की संपूर्ण परम्‍परा में कृषि कई प्रकार के परस्‍पर-व्‍यापी प्रयोगों के साथ आगे बढ़ी है। यह सहभागिता के लिए, सह-जीवन के लिए और आपस में सीखने और साझा करने के लिए आदर्श समय हैl सभी क्षेत्रों और सभी भौगोलिक स्थानों में सहभागिताएं तैयार की जा सकती हैं। पिछले दशकों में, विनिर्माण और मशीनीकरण से हमारी कृषि में सराहनीय उपयोगिता रही है। आज कृषि और सेवा क्षेत्र के बीच मजबूत संबंध उभर रहे हैंl जैव प्रौद्योगिकी, नैनो प्रौद्योगिकी, डेटा विज्ञान, सुदूर संवेदी चित्रण, हवा और जमीन पर स्‍वायत्‍त वाहन तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ताकी भूमिका कृषि उत्‍पादों के मूल्‍यवान बनने में महत्वपूर्ण हैl उन्होंने विश्वास जताया कि एग्रो टेक इंडिया-2018 से विशिष्‍ट साझेदारियों को बढ़ावा मिलेगा और इससे भारत के किसानों को लाभ होगाl

पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर राष्ट्रपति ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान हमारे देश के लिए गौरव का विषय हैंl उन्होंने चुनौतियों से और वृहत्‍तर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी से कभी मुंह नहीं मोड़ाl आज हम फसलों के अपशिष्ट और पराली या भूसे के सुरक्षित और स्वच्छ निपटान से संबंधित समस्या का सामना कर रहे हैंl बहुत बड़े पैमाने पर इन्हें जलाने से प्रदूषण हो रहा है जिससे छोटे-छोटे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैंl राज्य सरकारों सहित हम सभी के लिए यह आवश्यक है कि हमारे कुशल और बड़े दिलवाले किसान तथा अन्य हितधारक इसका समाधान ढूंढ़ें और इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से इसका समाधान प्राप्त करने में सहायता मिलेगीl

यह विज्ञप्ति 1215 बजे जारी की गईl