मंगोलिया के प्रतिनिधि-मंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 01.12.2021
मंगोलिया के स्टेट ग्रेट हुरल के महामहिम अध्यक्ष, श्री गोम्बोजव जदानशतारी के नेतृत्व में मंगोलिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने आज (1 दिसंबर, 2021) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच सभ्यतागत, ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। लोकतंत्र और स्वतंत्रता के एक जैसे जीवन-मूल्यों और आदर्शों से हमारे जुड़ाव को और मजबूती मिलती है। मंगोलिया के 'तीसरे पड़ोसी' होने के साथ-साथ 'आध्यात्मिक पड़ोसी' के रूप में, भारत मंगोलिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और गहराई प्रदान करने के लिए निरंतर सहयोग की आशा करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंध और अधिक जीवंत हो उठेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और मंगोलिया के बीच बौद्ध धर्म के माध्यम से विशेष संबंध स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि भारत के राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन के माध्यम से मंगोलियाई कांजुर पांडुलिपियों को मुद्रित करने का कार्य शुरु किया गया है। उन्होंने यह भी नोट किया कि गंडन मठ में बौद्ध पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए भारत की ओर से सहायता प्रदान की जा रही है।
जलवायु परिवर्तन के वैश्विक मुद्दे के बारे में विचार व्यक्त करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव विशेष रूप से हमारे जैसे विकासशील देशों पर अधिक होगा। यह अत्यावश्यक है कि हम इस साझा चुनौती से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करें। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मंगोलिया ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है।
मंगोलिया में भारत द्वारा शुरू की गई विकास परियोजनाओं के सम्बन्ध में उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें मंगोलिया में तेल रिफाइनरी परियोजना की प्रगति देखकर प्रसन्नता हुई। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत-मंगोलिया के मजबूत सहयोग और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत इसे समय पर पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है क्योंकि इससे मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा में काफी वृद्धि हो सकेगी।
कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने में भारत और मंगोलिया के बीच सहयोग के विषय में, राष्ट्रपति ने कहा कि हम मंगोलिया सरकार द्वारा दूसरी लहर में हमें दिए गए तत्काल और मूल्यवान समर्थन की सराहना करते हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत टीकों और दवाओं की आपूर्ति के माध्यम से मंगोलिया की सहायता कर सका।