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भारत के राष्ट्रपति गिनी पहुंचे, सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर के साक्षी बने और शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया, उन्होंने कहा कि गिनी की राष्ट्रीय विकास योजना में सहायता के तौर पर भारत गिनी के साथ अपने आर्थिक सम्बन्ध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है

राष्ट्रपति भवन : 02.08.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द कल शाम (1 अगस्त, 2019) - बेनिन, गाम्बिया और गिनी की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में गिनी के कोनाक्री पहुंचे। वह, गिनी की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्राध्यक्ष/शासनाध्यक्ष हैं। कोनाक्री हवाई अड्डे पर गिनी के राष्ट्रपति, प्रो अल्फा कोन्दे ने राष्ट्रपति कोविन्द की आगवानीकी और उनका समारोहिक स्वागत किया।

राष्ट्रपति ने आज (2 अगस्त, 2019), राष्ट्रपति कोन्दे से मुलाकात की। बाद में, उनके साथ हुई चर्चा के दौरान, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत गिनी के साथ अपने राजनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने तथा बेहतर करने को उत्सुक है। भारत, गिनी के साथ अपने संबंध प्रगाढ़ बनाने पर बल दे रहा है और इसी के अनुरूप, भारत ने इस साल जनवरी में कोनाक्री में भारतीय दूतावास खोला है। इसके बाद, राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत गिनी की राष्ट्रीय विकास योजना में सहायता के तौर पर गिनी के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने क्षेत्रीय अस्पतालों की परियोजनाओं सहित ऊर्जा, स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्रों में गिनी द्वारा चिह्नित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है। भारत ने कोनाक्री जल आपूर्ति परियोजना के लिए 170 मिलियन यूएस डॉलर की नई ऋण व्यवस्था की है।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि भारत गिनी के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत की तरक्की और गिनी की प्राकृतिक शक्ति एक दूसरे की पूरक हैं। भारतीय कंपनियां गिनी में विशेष रूप से खनन, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और फार्मा क्षेत्रों में निवेश करने की इच्छुक हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अफ़्रीकी संघ के मामलों में, विशेष रूप से पश्चिम अफ्रीकी देशों में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों से निपटने में गिनी की अग्रणी भूमिका की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज मानवता के समक्ष गंभीरतम खतरों में से एक है और हमें इस बुराई के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती प्रदान करने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।

दोनों पक्षों ने सुधारवादी बहुपक्षीयता और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के व्यापक सुधारों के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिनका उद्देश्य इसे और अधिक प्रतिनिधिक, जवाबदेह, पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने का है। राष्ट्रपति अल्फा कोन्दे ने 2021-2022 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी हेतु अपना समर्थन व्यक्त किया।

दोनों राष्ट्रपतियों के सामने निम्नलिखित सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए और इनका आदान-प्रदान किया गया:

क. पारंपरिक चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी की के क्षेत्र में सहयोग पर गिनी गणराज्य सरकार और भारत सरकार के बीच सहमति पत्र
ख. ई-वीबीएबी नेटवर्क परियोजना में भागीदारी के लिए गिनी गणराज्य सरकार और टेलीकम्युनिकेशन कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड के बीच सहमति पत्र
ग. नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर गिनी गणराज्य सरकार और भारत सरकार के बीच सहमति पत्र

शाम को, राष्ट्रपति, गिनी के राष्ट्रपति द्वारा अपने सम्मान में आयोजित भोज में भाग लेंगे।