राष्ट्रपति ने मंगरोई, गुजरात में कहा कि गांधी जी का उद्देश्य समाज का समग्र विकास का था और वे श्रमिक की गरिमा में विश्वास करते थे
राष्ट्रपति भवन : 02.10.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (02 अक्तूबर, 2017) मंगरोई, गुजरात में पारंपरिक मछुआरा समितियों के आर्थिक विकास से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया/की नींव रखी।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जी का उद्देश्य समाज के समग्र विकास का था और वे श्रमिक की गरिमा में विश्वास करते थे। चाहे वह कृषि, व्यापार अथवा अन्य व्यवसाय हो, सौराष्ट्र के लोग कड़े परिश्रम के लिए जाने जाते हैं। प्राकृतिक आपदाओं और प्रकृति की अन्य चुनौतियों का सामना करते समय उन्होंने अपना जीवन कड़ी मेहनत और परिश्रम से बचाया है। राष्ट्रपति ने आज विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जैसे जाफराबाद फिशिंग हार्बर पर जेट्टी और अन्य सुविधाएं, वेरावल और पोरबंदर हार्बर और नवी बंदर का उन्नयन, मियानी एवं सलाया फिशलैंडिंग सेंटर्स, और 45 गांवों में मंगरोल ग्रामीण जल क्षतिपूर्ति संवर्धन योजना। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे क्षेत्र का आर्थिक विकास बढ़ेगा और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि गुजरात ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, उद्योग, शिक्षा, कला, साहित्य और लोक जीवन में भारी योगदान दिया है। वास्तव में, तटीय गुजरात ने देश की आर्थिक व्यवस्था में प्राचीन समय से ही योगदान दिया है। देश में प्रवेश करने अथवा बाहर जाने वाले कार्गो का लगभग 48 प्रतिशत गुजरात पत्तन का है। यह राज्य भारत में मैरीन फिशरीज व्यवसाय में सर्वाधिक योगदान देता है और इसका शेयर कुल व्यापार का 20 प्रतिशत के लगभग है। उन्होंने कहा कि आज उद्घाटन की गई परियोजनाएं गुजरात के लोगों, विशेषकर सौराष्ट्र के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर उन्होंने गुजरात सरकार और मुख्यमंत्री, श्री विजय रुपानी को विगत विरासत के निर्माण पर और परियोजनाओं को संभव बनाने के लिए कड़े परिश्रम से कार्य करने के लिए बधाई दी।
यह विज्ञप्ति 1540 बजे जारी की गई