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भारत के राष्ट्रपति ने स्वीडन नरेश और महारानी की मेज़बानी की, उन्होंने कहा कि ‘जल शक्ति मिशन’, ‘स्वच्छ भारत’ और ‘स्मार्ट सिटी’ जैसे कार्यक्रमों में दोनों देश साथ मिलकर काम कर सकते हैं

राष्ट्रपति भवन : 02.12.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (2 दिसंबर, 2019) राष्ट्रपति भवन में स्वीडन के महामहिम नरेश कार्ल XVI गुस्ताफ और स्वीडन की महामान्या महारानी सिल्विया का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में राज-भोज का आयोजन भी किया।

भारत में उनका स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने यह कहा है कि उनके लिए प्रसन्नता का विषय है कि भारत और स्वीडन के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत, स्वीडन को अपने ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्मार्ट सिटी’ कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखता है। स्वीडन की कंपनियों ने भारत में काफी निवेश किया है। विशेष रूप से स्वच्छ प्रौद्योगिकी, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, जल साझेदारी और अति उन्नत बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उनके लिए और भी बहुत कुछ करने की संभावनाएं मौजूद हैं। रक्षा क्षेत्र में भारत की तरक्की और संभावनाओं को देखते हुए स्वीडन की कंपनियों के लिए भारत में घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात के लिए निर्माण के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र भी दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का एक और क्षेत्र है। स्वीडन में कई भारतीय कंपनियों ने निवेश किया है। विशेष रूप से आईटी और प्रौद्योगिकी समाधान के क्षेत्रों में उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं और भारत-स्वीडन एक साथ मिलकर अपने व्यापार और प्रौद्योगिकी सहयोग को और बेहतर बनाने के लिए काम कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी वैश्विक साझेदारी भी हमारे द्विपक्षीय संबंधों जैसी ही उत्साहजनक है। भारत और स्वीडन दोनों ही जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ‘इंडस्ट्री ट्रांजिशन ट्रैक’ में हमारा साझा-नेतृत्व इस प्रयोजन में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने स्वीडन को ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आर्कटिक क्षेत्र में स्वीडन के साथ मिलकर कार्य करने का इच्छुक है।

राष्ट्रपति और स्वीडन नरेश की उपस्थिति में ध्रुवीय अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा समुद्री-परिवहन के क्षेत्र में तीन सहमति-पत्रों का आदान-प्रदान किया गया।

‘चिल्ड्रन क्लाइमेट प्राइज़ 2019’ के विजेता - श्री विहान और श्री नव अग्रवाल ने राष्ट्रपति और स्वीडन नरेश से मुलाक़ात की। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को रेखांकित करने के लिए स्वीडन की बिजली कंपनी ‘टेल्गे एनर्जी’ द्वारा 2016 में ‘जलवायु बाल पुरस्कार’ का शुभारंभ किया गया था। यह पुरस्कार 12-17 वर्ष की आयु के ऐसे बच्चों या तरुणों को दिया जाता है, जिन्होंने जलवायु और पर्यावरण के संरक्षण के क्षेत्र में असाधारण प्रयास किए हैं।

इसके बाद, राष्ट्रपति कोविंद ने अपने राज-भोज भाषण में कहा कि नवाचार के क्षेत्र में हमारी साझेदारी में बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद हैं। अपने कौशल और अपनी प्रतिबद्धता के बल पर हम ‘चौथी औद्योगिक क्रांति’ का अग्रदूत बन सकते हैं। तथापि, हमें अपनी दृष्टि इससे भी आगे रखनी है। उन्होंने कहा कि लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने, हमारे प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने और हमारी धरती को संरक्षित करने के लिए ‘मशीन-इंटेलिजेंस’ की दुनिया को अधिक से अधिक समतावादी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हम आपके साथ ‘सर्कुलर अर्थव्यवस्था’, ‘संसाधन दक्षता’ और ‘जलवायु स्मार्ट मॉडलों’ पर साथ मिलकर कार्य करना चाहते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘नमामि गंगे’ से लेकर ‘जल जीवन मिशन’ तक, और ‘स्वच्छ भारत’ से लेकर ‘स्मार्ट सिटी’ तक, भारत के सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रमों में हमारे दोनों देशों के लिए एक साथ मिलकर काम करने के कई अवसर मौजूद हैं।