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राष्ट्रपति ने वियतनाम के राष्ट्रपति की मेजबानी की; उन्होंने कहा कि भारतीय और वियतनामी अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे की पूरक हैं

राष्ट्रपति भवन : 03.03.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (03 मार्च, 2018) राष्ट्रपति भवन में वियतनाम के महामहिम राष्ट्रपति, श्री चन दाई क्वांग का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक राजभोज की भी मेजबानी की।

वियतनामी राष्ट्रपति का भारत आगमन पर स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने जनवरी, 2018 में नई दिल्ली में आयोजित आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के ठोस परिणाम सुनिश्चित करने में समन्वयक देश के रूप में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के लिए वियतनाम का धन्यवाद किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और वियतनाम के सभ्यतागत संबंध 2000 वर्ष पुराने हैं। बौद्ध धर्म, हिंदू चम्पा सभ्यता और हमारे साझे दर्शन ने हमारे संबंधों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि हमारे आर्थिक संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। हमारे नेताओं ने 2020 तक 15 बिलियन अमरीकी डॉलर का व्यापार लक्ष्य निर्धारित किया है। हमें इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा पर भारत और वियतनाम के एक जैसे दृष्टिकोण हैं। दोनों देश एक समावेशी, मुक्त और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों पर आधारित क्षेत्रीय संरचना में आसियान की केन्द्रीयता के प्रति वचनबद्ध हैं।

तत्पश्चात्, अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि हमारे अपने-अपने स्वतंत्रता संघर्षों के महान नेताओं, महात्मा गांधी और राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने आधुनिक युग में हमारे संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान की। आज हमने उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए, अपनी घनिष्ठ मैत्री को और प्रगाढ़ किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि एक मजबूत भारत-वियतनाम साझेदारी से हमारे लोगों के लिए और वृहत्तर क्षेत्र के लिए शांति व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। इस उद्देश्य की पूर्ति में, भारत और वियतनाम का ठोस आर्थिक विकास एक दूसरे का पूरक बनेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस यात्रा से हमारी व्यापक कार्यनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त होगा और भविष्य में इससे प्रगाढ़ संबंधों की रूप-रेखा तैयार होगी।

यह विज्ञप्ति 2115 बजे जारी की गई