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राष्ट्रपति कोविन्‍द साइप्रस पहुँचे; उन्होंने निकोसिया के ‘प्रतिनिधि सदन’को संबोधित किया; उन्होंने कहा कि कारोबार के लिए स्‍वागत है भारत में साइप्रस का

राष्ट्रपति भवन : 03.09.2018

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द कल (2 सितंबर, 2018) तीन यूरोपीय राष्‍ट्रों- साइप्रस, बल्‍गारिया और चेक गणराज्य की अपनी राजकीय यात्रा के प्रथम चरण में साइप्रस पहुंचे। उन्होंने आज (3 सितंबर, 2018) निकोसिया में साइप्रस के ‘प्रतिनिधि सदन’ के सदस्यों को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि साइप्रस और भारत के संबंध पुराने, घनिष्ठ और बहु-आयामी हैं। प्राचीन सभ्यताओं के रूप में हमारी जनता ही हमारी पहली प्राथमिकता है। साइप्रस और भारत के नागरिकों के बीच मजबूत संबंधों से हमारे विनिमय ऊर्जावान बने हुए हैं। जनता के आपसी संपर्क के द्वारा हमने आर्थिक और व्यापारिक संबंध, शैक्षिक और बौद्धिक रिश्‍ते तथा सार्थक द्विपक्षीय साझेदारी स्थापित की है। इसके बाद, शांति, सुरक्षा और संप्रभुता के प्रति हमारी साझी चिंता के मुद्दे और द्विपक्षीय प्रतिबद्धता का स्‍थान है। इन प्रतिबद्धताओं के कारण हमारा ध्‍यान बहु-पक्षीय मामलों क्षेत्र और वैश्विक मुद्दों की ओर जाता है, जहां हम स्वयं को अंततोगत्‍वा एकमत पाते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मिशन यह है कि विकास के लाभ हमारी जनता के सभी वर्गों तक पहुंचाते हुए आर्थिक विकास और आधुनिकीकरण करना है। भारत के विश्वसनीय साझेदार और सबसे बड़े निवेशकों में से एक साइप्रस, इस प्रक्रिया में अहम स्‍थान रखता है। भारत एक रोमांचक मुकाम पर है और वहां आकर्षक कारोबार अवसर मौजूद हैं। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में पिछली तिमाही में 8.2% की प्रभावी दर से वृद्धि हुई है। विगत कुछ वर्षों के दौरान हमारी उच्च विकास की प्रवृत्ति के अनुरूप ही है। इसके कारण भारत, विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई विशाल अर्थव्यवस्था बन गया है। राष्ट्रपति ने साइप्रस को भारत सरकार की विभिन्‍न पहलों में साझीदारी के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि कारोबार के लिए भारत में साइप्रस का स्‍वागत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में, भारत ने ‘अंतराष्ट्रीय सौर गठबंधन’की सहस्‍थापना की और इसके उद्घाटन समारोह की मेजबानी की। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय संसाधनों और प्रौद्योगिकियों को जुटाने के हमारे प्रयासों का प्रमुख हिस्‍सा है। नवीकरणीय ऊर्जाकी संभावनाएं अपार है और बढ़ते हुए तापमान तथा समुदी जलस्‍तर की रोक-थाम के लिए यह ऊर्जा महत्‍वपूर्ण सिद्ध होगी।भौगोलिक क्षेत्र के तौर पर लंबी-लंबी तटरेखाओं तथा धूप के प्राकृतिक उपहार भरपूर मात्रा में यहां मौजूद हैं। इसलिए साइप्रस और भारत मिलकर काफी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने साइप्रस को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन परिवार का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि जिम्मेदार राष्ट्रों के रूप में साइप्रस और भारत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की चुनौतियों के प्रति जागरूक हैं। व्‍यापार के लिए हमारे समुद्री मार्गों तथा वैश्विक समुद्री साझा-क्षेत्राधिकारों और अन्‍य क्षेत्रों में नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की निरंतर प्रासंगिकता पर हमारा विश्वास है। राष्ट्रीय संप्रभुता की प्रमुखता तथा कट्टरवाद और आतंकवाद को पराजित करने की अनिवार्य आवश्यकता के मामले में भी हम एकजुट हैं। इस संबंध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते को अंतिम रूप देने का आग्रह संयुक्त राष्ट्र से किया है और हम इसमें साइप्रस के समर्थन की उम्मीद करते हैं।

राष्ट्रपति ने आज (3 सितंबर, 2018) प्रातः अपने कार्यक्रमों की शुरुआत निकोसिया के प्रेसीडेंशियल पैलेस की यात्रा से की, जहां उनका स्वागत उनके समकक्ष राष्ट्रपति श्री निकोस अनास्तासियादेस ने किया और उनका समारोहिक स्वागत किया। उन्होंने आर्चबिशप मकारियोस की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी प्रकट की।

बाद में हुए, विचार-विमर्श के दौरान, राष्ट्रपति कोविन्‍द ने हाल ही में राष्ट्रपति अनास्तासियादेस के पुनर्निर्वाचन पर उन्‍हें बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके योग्य नेतृत्व ने बहुत से लोगों को प्रभावित किया है। वह साइप्रस की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सफल रहे हैं। भारत साइप्रस मुद्दे के व्यवहारिक समाधान ढूंढ़ने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता है।

तत्पश्चात् राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच शिष्टमंडल स्‍तरीय वार्ता का नेतृत्व किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने भारत-साइप्रस संबंधों में मौजूद साझा मूल्यों को रेखांकित किया।उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था है। इससे साइप्रस के लिए भारत में निवेश के अवसर उपलब्‍ध हो रहे हैं। साइप्रस को केवल पोर्टफोलियो निवेश पर केन्द्रित रहने के स्‍थान पर अवसंरचना, रियल एस्टेट, नवीकरणीय ऊर्जा, औषध निर्माण, आरोग्यता और स्वास्थ्यचर्या जैसे क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहिए।

शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता के बाद, दो द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। पहला समझौता, भारत की फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट, तथा यूनिट फॉर कॉम्‍बेटिंग मनी लॉन्ड्रिंग ऑफ साइप्रस के बीच हुआ जिसका लक्ष्य वित्तीय गुप्त सूचनाओं का आदान-प्रदान तथा मनीलॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को धन मुहैया करवाने और संबंधित अपराधों का मुकाबला करने का है। दूसरा समझौता, दोनों देशों के पर्यावरणीय मुद्दों पर और अधिक सहयोग करने के बारे में है। राष्ट्रपति ने साइप्रस की अपनी यात्रा के बारे में एक मीडिया वक्तव्य भी जारी किया वक्‍तव्‍य संलग्‍न है।

कल शाम (2 सितंबर, 2018) को राष्ट्रपति ने साइप्रस में भारत के उच्चायुक्त डॉ. आर. के. राघवन द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में निकोसिया के भारतीय समुदाय के एक बड़े समूह को संबोधित किया।

उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए,राष्‍ट्रपति ने कहा कि उन्‍हें यह जानकर खुशी हुई कि साइप्रस का भारतीय समुदाय भली-भांति एकजुट है और साइप्रस के आर्थिक विकास में योगदान करता है। राष्ट्रपति ने भारतीय प्रवासी समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए भारत सरकार की अनेक पहलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि प्रवासी भारतीय समुदाय भारत के संदेश के प्रचार-प्रसार में एक प्रमुख साझीदार है।

यह विज्ञप्ति 1700 बजे जारी की गई।