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भारत के राष्ट्रपति जिबूती पहुंचे; जिबूती में भारतीय समुदाय को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 03.10.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द आज (3 अक्तूबर, 2017) अपनी प्रथम राजकीय यात्रा के रूप में 2 अफ्रीकी देशों की यात्रा पर जिबूती पहुंचे हैं। जिबूती गणराज्य के प्रधानमंत्री, श्री अब्दुलकडेर कामिल मोहम्मद ने अंबुजी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने थोड़ी देर तक द्विपक्षीय संबंधों और दोनों देशों के सामान्य हितों पर बातचीत की।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की यह पदभारत ग्रहण करने के बाद पहली यात्रा थी। यह एक भारतीय प्रमुख अथवा सरकारी प्रमुख की भी पहली यात्रा है। एयरपोर्ट से प्रस्थान करने के बाद जल्द ही, राष्ट्रपति ने जिबूती नेल्सन मंडेला एवेन्यू पर राष्ट्रपिता की आवक्ष प्रतिमा पर माल्यार्पण कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

तत्पश्चात शाम को, राष्ट्रपति ने जिबूती के राजदूत, श्री अनुराग श्रीवास्तव द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। स्वागत समारोह में लगभग 200 लोगों ने भाग लिया, मोटे तौर पर आधे भारतीय जिबूती में भारतीय मूल के भारतीय, जिनमें से कुछ उन भारतीय व्यापारियें के वंशज हैं जिन्होंने 100 वर्ष पूर्व जामनगर और राजकोट से स्थानांतरण किया। अभी हाल ही में ब्लू कोलर और व्हाइट कोलर वाले कर्मियों, जो आईटी कंपनियों में तैनात हैं, डायस्पोरा में वृद्धि की है।

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यद्यपि सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए हमारे राजदूत हैं, तथापि भारतीय समुदाय का यहां पर उपस्थित हर सदस्य हमारे देश का प्रतिनिधि है। चाहे उन्होंने किसी भी रूप में जिबूती को अपना घर बनाया हो-एक व्यापारी, या कुशल कर्मी के रूप में हो, उन्होंने अपने चारों ओर लोगों के लिए नि:स्वार्थ और समर्पित सेवा दी है। अपनी परंपराओं, पारिवारिक मूल्यों और सशक्त कार्य नीतियों, जो उनके द्वारा अपने-अपने घरों में अपनाए गए हैं, की संरक्षा करते हुए वे स्थानीय समुदाय के लिए सायता स्तंभ और भारत के लिए गौरव की विषय बने हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का उदय सहयोग के नए अवसर खोल रहा है। भारत और विश्व के बीच सेतु निर्माण में हमारे डायस्पोरा की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत एक उच्च प्रगति पथ पर है। हमारे देश में आशावाद और जिज्ञासा है। हमने 2022 तक, जब हम हमारी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर चुके होंगे, आम लोगों का जीवन बदलने की शपथ ली है। राष्ट्रपति ने कहा हम विदेशों में अपने डायस्पोरा तक पहुंचाना चाहते हैं और उनसे संपर्क रखना चाहते हैं। उन्होंने भारतीय डायस्पोरा को नए भारत के उदय में भागीदार बनने का आमंत्रण दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप मे चयन के बाद यह भारत से बाहर की उनकी पहली यात्रा थी। अफ्रीका की यात्रा एक संयोग नहीं थी बल्कि हमारी ओर से एक सुविचारित निर्यान था। इस सुंदर महाद्वीप के साथ हमारे संबंधों का हमारे दिलों में विशेष स्थान है और हम अफ्रीकी लोगों के साथ हमारे भाई चारे के संबंध गहरे बनाने के लिए सदैव प्रतिबद्ध हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि लंबे समय से भारत और जिबूती के बीच ऐतिहासिक लिंक और जनता से जनता के संपर्क बने हुए हैं। अब हमें इस साझे इतिहास और पहचान को पुन: खोजने के प्रयास करने चाहिए। हमारी साझा विरासत को जीवित करने के लिए कड़े प्रयास करने होंगे, केवल पुराने समय के लिए नहीं बल्कि एक समकालीन भागीदारी के लिए भी। ब्लू इकॉनमी और इंडियन ओशन संपर्क एक स्थायी भविष्य निर्मित करने की क्षमता प्रदान करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि जिबूती एक रणनीतिक रूप से अवस्थित है जो आदएन कहदी के बिकुल गर्त में है। यह भारत का महत्वपूर्ण इंडियन ओशन पार्टनर देश हे। 2015 के वापनी संकट के दौरान, ऑपरेशन राहत के भाग के रूप में, जिबूती भारतीय और अन्य देश के नागरिकों को खाली करने में और एयर स्ट्रिप प्रदान करने मे सहायक रहा।

राष्ट्रपति कल (04.10.2017) जिबूती की यात्रा पर बने रहेंगे।

यह विज्ञप्ति 2215 बजे जारी की गई