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राष्ट्रपति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत हुए और119वें प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य सिविल सेवा अधिकारियों से कहा कि प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि आप करियर के एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं

राष्ट्रपति भवन : 04.08.2017

भारतीय सिविल सेवा में पदोन्नत हुए और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी,मसूरी में119वें प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले65 सिविल सेवा अधिकारियों के एक समूह ने आज (04.08.2017)राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की।

सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि वे अपने करियर के एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी युवा आबादी,हमारे समाज के गरीबों और वंचित वर्गों की अपेक्षाओं पर विचार करना चाहिए। हम इस बात को अनदेखा नहीं कर सकते कि अक्सर हमारी प्रशासनिक प्रणाली और नौकरशाही तंत्र की गुणवत्ता के बारे में कुछ तर्क संगत प्रश्न किए जाते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सिविल सेवा अधिकारियों के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण चुनौती भारत की जनता में आत्मविश्वास जगाना है-वह जनता जिसकी सेवा के लिए उन्हें यह जनादेश मिला है कि सिविल सेवक स्पष्ट,ईमानदार,व्यावसायिक और कुशाग्र होते हैं। जन सेवक के रूप में उनका व्यक्तिगत आचरण अनुकरणीय होना चाहिए। उनके कार्य आचरण में ईमानदारी और निष्ठा,विनम्रता और भारत और हमारे समाज की अनेकता के प्रति संवेदनशीलता होना बहुत जरूरी है।

यह विज्ञप्ति 1900 बजे जारी की गई