भारत के राष्ट्रपति ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के 77वें स्टाफ कोर्स के छात्र अधिकारियों को संबोधित किया
राष्ट्रपति भवन : 04.08.2021
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (4 अगस्त, 2021) तमिलनाडु में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के 77वें स्टाफ कोर्स के छात्र अधिकारियों को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश के सशस्त्र बल हमारे महान राष्ट्र की सर्वाधिक सम्मानित संस्थाओं में से एक हैं। देशवासियों से उन्हें यह सम्मान, उनके अथक प्रयासों और महान बलिदानों के कारण प्राप्त हुआ है। उन्होंने युद्ध और शांति - दोनों के ही समय,राष्ट्र को अमूल्य सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने आंतरिक और बाहरी- दोनों ही प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करते हुए तथा प्राकृतिक आपदाओं के समय में भी समर्पण और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।
राष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए कहा कि बीता कुछ समय सम्पूर्ण मानव सभ्यता के लिए अत्यंत कठिन रहा है। इस महामारी के कारण जीवन के सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। सशस्त्र बलों के पुरुषों और महिलाओं द्वारा हमारी सीमाओं के साथ-साथ कोविड-19 महामारी से निपटने में प्रदर्शित उत्कृष्ट धैर्य और दृढ़ संकल्प की उन्होंने सराहना की। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के ज्यादातर सदस्य इन चुनौतियों से निपटने में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं में शामिल रहे हैं। देश उनकी प्रतिबद्धता और योगदान की सराहना करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम ऐसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं जो बदलावों से भरा हुआ है। राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रतिरक्षा की अवधारणाएं बदल रही हैं। भू-रणनीतिक और भू-राजनीतिक दबावों और अनेक अन्य कारकों ने सुरक्षा परिदृश्य को और अधिक जटिल बना दिया है। अल्प–गहनता वाले संघर्ष, आतंकवाद विरोधी अभियान और नॉन-कांबेट संघर्षों के कारण भिन्न-भिन्न चुनौतियां सामने आ रही हैं। इन सभी पहलुओं को गहराई से समझने की जरूरत है। इस बदलते समय में, हमें अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के नए तौर-तरीकों के बारे में सोचना होगा। इसके लिए नवीन दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि स्टाफ कोर्स के दौरान छात्र अधिकारियों को बदलते परिदृश्य को समझने में सहायता के लिए वृहत्तर परिदृश्य की इनपुट दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वृहत्तर परिदृश्य की समझ के साथ, वे राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्रों में अपनी भूमिका की पहचान करने में सक्षम होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं सदी के समाज को ज्ञान-आधारित समाज के रूप में वर्णित किया गया है। इस सदी में वास्तव में ज्ञान ही शक्ति है। जिस तरह हमें कहा जाता है कि हम ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के युग में हैं,वैसे ही, हम ज्ञान-आधारित युद्ध के युग में भी जी रहे हैं। रक्षा क्षेत्र के पेशेवरों के रूप में, अधिकारियों को ज्ञान से परिपूर्ण योद्धा बनना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में अपनी व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से वे आवश्यक दक्षताओं को आत्मसात करने में सक्षम बनेंगे। इससे वे भविष्य में वृहत्तर चुनौतियों का सामना करने के लिए उचित साधनों से लैस हो जाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं का प्रभावी नेतृत्व करने की क्षमता लाने के लिए, अधिकारियों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्रदर्शित करनी होगी। आत्मविश्वास, साहस, धीरज, सत्यनिष्ठा, नम्रता और सरलता उन्हें एक व्यक्ति के रूप में मजबूत बनाएगी। अग्रणी प्रौद्योगिकी, अत्याधुनिक रणनीतियों और युक्तियों की निरंतर सीख, और नवीनतम प्रगति की सहायता से वे शानदार पेशेवर बन सकेंगे।