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भारत के राष्ट्रपति ने राजकोट में ‘सौराष्ट्र-नर्मदा-अवतरण-इरेगेशन-योजना’ (सौनी) चरण-2 लिंक-4 की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति भवन : 04.09.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (04.09.2017) राजकोट, गुजरात में ‘सौराष्ट्र-नर्मदा-अवतरण इरेगेशन-योजना’ (सौनी) चरण-2 लिंक-4की आधारशिला रखी।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा:

अधिक जल वाले इलाकों से कम जल वाले इलाकों में पानी ले जाने के लिए राज्य में नहरों और पाइपलाइनों का जाल बिछाया गया है। गुजरात ने रेगिस्तानी क्षेत्र में 144 किलोमीटर लंबी कच्छ ब्रांच कैनाल को बनाने का विशाल कार्य पूरा कर लिया है।

पानी को बह जाने से रोकने के लिए बड़े-छोटे, हर तरह के बांध बनाए गए हैं। सरदार सरोवर परियोजना के बांध में 30 दरवाजे हैं जिन्हें बंद करके पानी को समुद्र में बह जाने से रोका जा सकता है।

जल संसाधन के प्रभावी और किफायती उपयोग के लिए गुजरात में माइक्रो इरिगेशन को प्रोत्साहन दिया गया है।

जल के समुचित उपयोग से खेत और चरागाह हरे-भरे होते हैं। फसलों की पैदावार बढती है। मवेशियों को चारा मिलता है जिससे दूध और डेरी उद्योग को लाभ होता है। इन सुधारों से किसान की आमदनी बढती है, उनका जीवन स्तर सुधरता है।

गुजरात में जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए किसानो और ग्राम सभाओ की भागीदारी को मजबूत बनाया गया है। वास्मो (वाटर एंड सैनिटेशन मैनेजमेंट आर्गेनाइजेशन - WASMO) के तहत पीने के पानी की व्यवस्था में ग्राम-सभाओं की भागीदारी होती है। ‘पानी समितियां' इसके लिए काम करती हैं।

गुजरात में जल संसाधन के समग्र और समुचित उपयोग के लिए किये जा रहे अनेक प्रयासों में सौराष्ट्र-नर्मदा-अवतरण-इरिगेशन-योजना (सौनी योजना) का अपना महत्व है। इस योजना के दूसरे चरण के शिलान्यास के अवसर पर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है।

सौनी योजना की परिकल्पना के मूल में इस कार्य को करने का दृढ निश्चय था कि गुजरात में जिन स्थानों में अधिक जल उपलब्ध है,वहाँ से कमी वाले स्थानों तक पानी ले जाना है। मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है कि गुजरात के लोगों को जो आश्वासन दिया गया था उसे ठोस रूप दे दिया गया है।

यह कार्य जब तक पूरे देश में नहीं कर लिया जाएगा तब तक देश के विभिन्न हिस्से, कहीं सूखे - तो कहीं बाढ़ की विभीषिका से जूझते रहेंगे।

गुजरात के अनुभव से लाभ लेते हुए देश की सवा सौ करोड़ आबादी के लिए पर्याप्त खाद्यान्न पैदा करने के लिए जल संसाधन समेत सभी संसाधनों का समुचित उपयोग करना है।

आज से सौनी योजना के दूसरे चरण का कार्य शुरू होने जा रहा है और यह दो वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। नदियों के थालों के बीच परस्पर पानी पहुंचाने की इस उल्लेखनीय योजना के लिए मैं राज्य सरकार को, गुजरात की जनता को और खासकर सौराष्ट्र के लोगो को बधाई देता हूँ।

जय हिन्द !”

यह विज्ञप्ति 1645 बजे जारी की गई