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भारत के राष्ट्रपति आई.आई.टी. रुड़की के दीक्षान्त समारोह में शामिल हुए, उन्होंने कहा कि दीर्घ अवधि में, हमारी सफलता उद्यम और चिन्तन की संस्कृति विकसित करने पर निर्भर करती है

राष्ट्रपति भवन : 04.10.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द आज (4 अक्टूबर, 2019) उत्तराखंड के रुड़की में आईआईटी, रुड़की के वार्षिक दीक्षान्त समारोह में शामिल हुए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आई.आई.टी. रुड़की जैसे संस्थान केवल शिक्षा देने के केन्द्र भर नहीं हैं। वे नवाचार और रचनात्मक विचारों के भी केन्द्र हैं। और अनुसंधान, नवाचार और रचनात्मक विचार ही हमें अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता दे सकते हैं तथा आज मानव जाति के समक्ष खड़े व्यापक सरोकारों का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि दीर्घ अवधि में, हमारी सफलता उद्यम और चिन्तन की संस्कृति विकसित करने में निर्भर करती है। हमें नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आई.आई.टी. रुड़की यह कार्य बखूबी कर रहा है। आई.आई.टी. रुड़की में कार्यरत ‘टाईड्स बिजनेस इनक्यूबेटर’, उभरती हुई प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाले स्टार्ट-अप और अपनी स्थापना के शुरुआती चरण से गुजर रही कंपनियों की सहायता करता है। परिसर में विकसित हो रही रचनात्मक सोच को, शिक्षाविदों के बीच वरिष्ठता क्रम को समाप्त करके और विद्यार्थियों को अकादमिक निकायों तथा निर्णय-प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व देकर प्रोत्साहित किया गया है।

राष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की कि वर्तमान में, हमारे वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों में छात्राओं का अनुपात जितना होना चाहिए, उससे कम है। उन्होंने कहा कि हमें उच्च शिक्षा के वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थानों में छात्राओं के नामांकन में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। ऐसा होने पर हमारी वैज्ञानिक उपलब्धियां और भी अधिक पूर्णत्ववादी और वांछनीय हो सकेंगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि जून 2018 में राज्यपालों के सम्मेलन के दौरान, उन्होंने सुझाव दिया था कि विश्वविद्यालयों को ‘विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्व’ (यूएसआर) को अपनाने पर विचार करना चाहिए। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आई.आई.टी.रुड़की के विद्यार्थी सामुदायिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। उन्होंने उत्तराखंड के पांच गांवों को चुना था और वहां ग्रामीणों के साथ मिलकर जल प्रबंधन, स्वच्छता, कौशल विकास आदि से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कार्य किया था। इसके साथ ही 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के तहत, इस संस्था के विद्यार्थियों ने हरिद्वार और रुड़की में गंगा घाट पर 'गंगा स्वच्छता अभियान' में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से आई.आई.टी.रुड़की के विद्यार्थी ‘विश्वविद्यालय सामाजिक दायित्व’ को अमल में ला रहे हैं।