भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के वार्षिक दीक्षांत समारोह के संबोधित किया
राष्ट्रपति भवन : 04.11.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (04 नवम्बर, 2017) को मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के 48वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि सामान्यतः आईआईटी प्रणाली और विशेषतः आईआईटी हमारे देश की तकनीकी शिक्षा का उत्कृष्ट मापदण्ड रहा है। आईआईटी के पूर्व विद्यार्थी भारत की इंजीनियरी क्षमताओं, इसकी सूचना प्रौद्योगिकी और हमारे स्टार्ट-अप संस्कृति का आधार रहे हैं। वे सिंगापुर से लेकर सिलिकन वैली तक, पूरे विश्व में भारत के बौद्धिक और प्रौद्योगिक शक्ति के ब्रांड एंबेसडर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि आईआईटी, दिल्ली में स्नातक से ज्यादा अब स्नातकोत्तर विद्यार्थी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक सही संकेत है। हम अनुसंधान आधारित शिक्षण की दिशा में बढ़ रहे हैं तथा राष्ट्र निर्माण के लिए उत्पाद और प्रौद्योगिकियां बना रहे हैं। उन्हें यह उल्लेख करते हुए भी प्रसन्नता हुई कि आईआईटी,दिल्ली के अनुसंधानकर्ताओं ने देशवासियों की बेहतरी में योगदान दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी के प्रौद्योगिक और आर्थिक प्रभावों के अतिरिक्त, आईआईटी की सामाजिक भूमिका भी है और इसका भारतीय कल्पनाशीलता में एक स्थान है। बहुत से युवा भारतीयों के लिए, आईआईटी में अध्ययन करना एक बड़ा सपना रहता है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि देशभर के नवोदय विद्यार्थियों के श्रोताओं में से 50 विद्यार्थी अपने शैक्षिक रिकॉर्ड और प्रतिभा के आधार पर चुने गए हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दीक्षांत समारोह से पहले आईआईटी, दिल्ली समुदाय ने रक्तदान शिविर आयोजित किए। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने समाज को कुछ न कुछ प्रतिदान करने का प्रयास करना चाहिए और रक्तदान सबसे सरल और सुगम तरीका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली जैसे संस्थान शिक्षा के केंद्र ही नहीं बल्कि सामुदायिक केंद्र भी हैं। आईआईटी, दिल्ली समुदाय का एक प्रमुख अंग इसकी पूर्व विद्यार्थी संस्था है। विश्व के सभी महान विश्वविद्यालयों का पूर्व विद्यार्थियों और संस्थानों के बीच गहरा और बेहतर संबंध रहा है। वे केवल वित्तीय सहायता के ही नहीं बल्कि ज्ञान के आदान-प्रदान और समय के मामले में भी पूर्व विद्यार्थियों को आमंत्रित करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी, दिल्ली प्रशासन का दायित्व है कि वह अपने उन पूर्व विद्यार्थियों को, जिनमें से अधिकतर अन्य विश्वविद्यालयों या उद्योग में सुस्थापित हैं, चाहे लघु अवधि के लिए या विशेष पाठ्यक्रमों के लिए ही क्यों नहीं, वापस लौटने और यहां पढ़ाने के लिए जोड़ना और आमंत्रित करना चाहिए। इस प्रयोजन के लिए यदि प्रक्रियाओं को सरल बनाना भी पड़े तो इस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।
यह विज्ञप्ति 1245 बजे जारी की गई