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भारत के राष्ट्रपति चेन्नै में; मद्रास विश्वविद्यालय के 160वें और गुरु नानक कॉलेज के 42वें दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे; उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में अनुसंधान और नवाचार की गौरवपूर्ण संस्कृति मौजूद है

राष्ट्रपति भवन : 05.05.2018

भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्‍द ने आज (5 मई, 2018)चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय के160वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि19वीं शताब्दी के मध्य से मद्रास विश्वविद्यालय हमारी राष्ट्र निर्माण परियोजना का मुख्‍य स्तंभ रहा है। यह विश्‍वविद्यालय भारत, विशेषकर हमारे देश के दक्षिणी भाग में शिक्षा, बौद्धिक उन्नति और ज्ञानार्जन की मजबूत नींव के निर्माण में शामिल संस्थानों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में‘विश्वविद्यालयों’ की जननी के रूप में प्रसिद्ध है।

राष्ट्रपति ने कहा कि निरंतरता के साथ बदलाव अभिव्‍यक्तिका प्रयोग और कभी-कभी अति-प्रयोग किया जाता है परंतु मद्रास विश्वविद्यालय जैसे कुछ संस्थानों के मामले में यह कहावत सार्थक है। इस विश्वविद्यालय की एक पहचान आधारभूत मूल्यों को बनाए रखते हुए बदलाव को समाहित करने की योग्यता की रही है। इस विशेषता ने इसे विद्यार्थियों और समाज की उभरती हुई आवश्यकताओं के प्रति सम-सामयिक और प्रासंगिक बनाए रखने में मदद की है। यहां संचालित किए जाने वाले पाठ्यक्रम और विषय इसका प्रतीक हैं और ये विषय पारंपरिक उदारतावादी कलाओं से लेकर 21वीं सदी के अनुकूल विषयों तक फैले हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि मद्रास विश्वविद्यालय को तमिलनाडु की अस्मिता में अध्‍ययनशीलता की केन्‍द्रीय भूमिका की परंपरा से लाभ भी हुआ है और इसने इसमें योगदान भी किया है। यहां तक कि राज्‍य के साधारण से साधारण परिवार भी शिक्षा की महत्‍ता पर बल देते हैं। सामाजिक विकास संकेतकों और अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा है। चाहे विशुद्ध विज्ञान हो या चिकित्सा, चाहे इंजीनियरी हो या विनिर्माण, तमिलनाडु में अनुसंधान और नवाचार की गौरवपूर्ण संस्कृति विद्यमान है। तमिलनाडु में एक सुप्रतिष्ठित सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र और बढ़ती हुई डिजिटल अर्थव्यवस्था है। मानविकी विषयों में उत्कृष्टता का पूरक सहयोगराज्‍यों को मिल रहा है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि तमिल भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। दूसरों की अपेक्षा शताब्दियों पहले इस भाषा में साहित्‍य और अधिगम के दर्शन की खोज की जा रही थी।

राष्ट्रपति ने कहा कि अपने आप में एक उद्देश्‍य के रूप में शिक्षा प्राप्‍त करने की योग्यता और हमारे देशवासियों के दैनंदिन जीवन की कमियां दूर करने में मदद करना सराहनीय है। इस संदर्भ में तमिलनाडु के लोग और मद्रास विश्वविद्यालय जैसे संस्थान हमारे देश के लिए एक आदर्श हैं। अंतत: इस प्रकार के संस्थानों से ही हम21वीं शताब्दी की शुरुआत में दिशा और नेतृत्व प्राप्त कर सकते हैं। इस यात्रा में मद्रास विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों से हमारा दिक्‍दर्शक बनने की उम्‍मीद की जाती है। तमिलनाडु के संस्थानों ने एक ऐसा माहौल पैदा करने में सराहनीय कौशल दर्शाया है जिससे इंजीनियरों और दूसरे योग्‍य युवाओं को उद्यमी और रोजगार प्रदाता बनने में मदद मिली है। यह मार्ग ही भविष्‍य का मार्ग है और यही मार्ग है जिसपर हमारे देश के युवाओं को आगे बढ़ना है।

शाम को, राष्ट्रपति ने चेन्नई के वेलाचेरी में गुरु नानक कॉलेज के 42वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और गुरु अमरदास ब्लॉक तथा शहीद बाबा दीप सिंह सभागार का उद्घाटन किया।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने यह जानकर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की कि चेन्नै में रह रहे 250 सिख परिवार कॉलेज को संचालित करने वाले गैर-सरकारी संगठन गुरु नानक एजुकेशनल सोसाइटी की मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस समुदाय के छोटे आकार के बावजूद वह राज्य और समाज में योगदान दे रहा है और यह योगदान शिक्षा के क्षेत्र में दिया जा रहा है, यह प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि गुरु नानक कॉलेज पंजाब और सिख समुदाय तथा तमिलनाडु के बीच संबंधों के एक लंबे और समृद्ध इतिहास को आगे बढ़ा रहा है। इस का इतिहास इतना पुराना है कि जब महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक और इस राष्ट्र के निर्माता गुरु नानक देव दक्षिणी भारत की अपनी यात्रा के रूप में तमिलनाडु आए। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने पवित्र रामेश्वरमम् नगर में कुछ दिन व्यतीत किए थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि यह स्मरणीय है कि सौ वर्ष पहले स्वर्गीय ए.जी राम सिंह का परिवार अमृतसर से चेन्‍नै आ गया। राम सिंह हमारे देश के अग्रणी क्रिकेटरों में से एक बने और उन्होंने इस शहर के बहुत से स्थानीय खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया। बाद में उनकेदो सुपुत्र ए जी मिल्खा सिंह और ए जी कृपाल सिंह भारत के लिए खेले। कभी ऐसा कहा जाता था कि एक सिख परिवार तमिलनाडुका अग्रणी क्रिकेट परिवार है। एकात्‍मता की भावना से,अनेकता में एकता से हमारा देश विशेष बन जाता है।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि गुरु नानक कॉलेज के परिसरके भीतर स्थित गुरुद्वारे में एक लंगर रसोई है जो रोजाना लगभग700 विद्यार्थियों को मुफ्त भोजन उपलब्धकरवाती है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जिसने भारत को विद्यालयों में दोपहरको भोजन कार्यक्रम का विचार प्रदान किया, परंतु कॉलेजस्‍तर पर दोपहर का भोजन एक अनोखी बात है।

इससे पहले आज, सुबह राष्ट्रपति ने राजभवन,चेन्नै में भारत के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंहके जन्‍मदिवस पर उनके चित्र के समक्ष उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

यह विज्ञप्ति 1320 बजे जारी की गई।