49 वां राज्यपाल सम्मेलन राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुआ; अपने समापन उद्बोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि राजभवन आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाकर एक आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं
राष्ट्रपति भवन : 05.06.2018
दो दिवसीय 49वां राज्यपाल सम्मेलन आज (5 जून, 2018) राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुआ।
अपने समापन उद्बोधन में भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द ने संतोष व्यक्त किया कि सम्मेलन में प्रतिभागियों ने सार्थक परिचर्चाओं में योगदान दिया। उन्हें विश्वास था कि इस विचार-विमर्श से प्रत्येक भारतीय के जीवन में सुधारलाने का हमारा राष्ट्रीय प्रयास मज़बूत होगा।
राष्ट्रपति ने गौर किया कि आज (5 जून) विश्व पर्यावरण दिवस है।पर्यावरण-संरक्षण के लिए ‘थिंकग्लोबल, एक्ट लोकल’की नीति को प्रभावी माना जाता है। ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’, ‘पेरिस अकॉर्ड’ और ‘इन्टरनेशनल सोलर अलायंस’ को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में स्थानीय तथा राज्य-स्तरीय योगदान बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारे संविधान में दिए गए ‘नीति निर्देशक सिद्धांतों’ में भी पर्यावरण तथा वन और वन्य जीवों के संरक्षण का विशेष उल्लेख किया गया है। इस संदर्भ में, राज्यपाल राजभवन-परिसरों तथा राज्य विश्वविद्यालयों को पर्यावरण की दृष्टि से आदर्श रूप देने का प्रयास कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज भवनों को आधुनिक प्रौद्योगिकी और तौर-तरीकों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। रियल-टाइम डेशबोर्ड सहित व्यापक किस्म की सूचना प्रौद्योगिकी पहलों का प्रयोग करके, राज भवन एक परिलक्षी प्रभाव पैदा कर सकते हैं और दूसरे संस्थानों को प्रेरित कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल, विश्वविद्यालयों को यूएसआर (यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पोन्सिबिलिटी) की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को नियमित अंतराल पर गांवों में जाना चाहिए। उन्हें साफ-सफाई, साक्षरता, टीकाकरण तथा पोषण कार्यक्रमों के बारे में ग्रामवासियों के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए। राज्यपाल 'स्वच्छता इंटर्नशिप' कार्यक्रमको प्रभावी बनाने के लिए कुलपतियों के साथ विचार-विमर्श कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने राज्यपालों से आग्रह किया कि वे समय-समय पर राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाएं। उन्हें खुशी है कि कुछ राज्यपाल पहले से ही ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे सम्मेलनों की कार्यसूची कुलपतियों के साथ विचार-विमर्श से तय की जा सकती है। और शीघ्र समाधान खोजने के लिए, राज्य शिक्षा और वित्त विभागों के प्रतिनिधियों तथा केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अन्य संस्थानों के अधिकारियों को आमंत्रित किया जा सकता है।
उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और गृह मंत्री ने भी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया। सुबह के समय, राज्यपालों के सम्मेलन में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के स्मरणोत्सव से संबंधित विचारों पर चर्चाकी गई। ‘ग्राम स्वराज अभियान’ और ‘स्वच्छता इंटर्नशिप’ पर प्रस्तुतियां दी गईं। राज्यपालों/उप-राज्यपालों ने अपने-अपने सुझाव दिए।
यह विज्ञप्ति 1425 बजे जारी की गई।