भारत के राष्ट्रपति बल्गारिया पहुंचे : सोफिया विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को संबोधित किया; शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया। भारत और बल्गारिया ने पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए
राष्ट्रपति भवन : 05.09.2018
भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द तीन यूरोपीय राष्ट्रों-साइप्रस, बल्गारिया और चेक गणराज्य की अपनी राजकीय यात्रा के दूसरे चरण में कल (4 सितंबर, 2018) बल्गारिया पहुंचे।
आज (5 सितंबर, 2018) राष्ट्रपति ने ‘एजुकेशन एज एन इंस्ट्रूमेंट ऑफ चेंजएंड शेयर्ड प्रोस्पेरिटी’ विषय पर सोफिया विश्वविद्यालय में भाषण दिया। यह भाषण भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ.एस राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर भारत में मनाए जा रहे शिक्षक दिवस के अवसर पर दिया गया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने भारत के शिक्षकों, विद्वानों और शिक्षाविदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन भारत की युगों पुरानी शिक्षण और विवेक की परंपराओं से प्रेरणा ग्रहण की है और ज्ञान आधारित शक्ति के रूप में भारत की प्रतिष्ठा में उन्होंने योगदान दिया है। भारतीय विद्वत्ता और शैक्षिक उत्कृष्टता का सम्मान सभी महाद्वीपों में सम्मान किया जाता है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था और ज्ञान संरचनाओं में वृद्धि होती है तथा भारत के प्रति सद्भावना बढ़ती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि 21वीं शताब्दी, तीव्र प्रौद्योगिकीय परिवर्तन का युग है। चौथी औद्योगिक क्रांति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रोबोटिक्स तथा 3D की परिपक्वता तथा परिशुद्धवि निर्माण से हमारे रहन-सहन और कार्य-व्यवहार में बदलाव आ रहे हैं। डिजिटल प्रौद्योगिकियों से हम इतनी तीव्र प्रगति कर पा रहे हैं जो पहले संभव नहीं थी।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्रांति का नेतृत्व शैक्षिक संस्थानों में अध्ययनरत युवाओं द्वारा किया जा रहा है।21वीं शताब्दी के विश्वविद्यालय परिसर केवल उपाधियां प्रदान नहीं करते हैं बल्कि प्रौद्योगिकी तथा विचारों के स्फुरण और परिवर्तनकारी अनुप्रयोग डिजायन करके और नए-नए विचारों से भर-पूर रचनात्मक दिमाग के सदुपयोग से वे प्रौद्योगिकी-चालित स्टार्ट-अप्स व छोटे कारोबारों के पोषण के साथ-सथ नवान्वेषण और उद्यमिता के केन्द्र भी बन गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक ऐसी क्रांति है जो इस समय भारत में चल रही है। इसने भारत को विश्व का तीसरा सबसे विशाल नवाचार और स्टार्ट-अप संकुल बना दिया है। भारत का स्टार्ट-अप जगत न केवल रोजगार और धन बल्कि बौद्धिक संपदा भी सृजित कर रहा है। भारत का अनुसंधान और विकास निवेश बढ़कर इस वर्ष 83 बिलियन अमेरिकी डॉलर तकहो जाने की उम्मीद है। यह उत्साह जनक माहौल है। उन्होंने बल्गारिया के युवाओं को इसका हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि बल्गारियावासी उन 166 देशों के विद्यार्थियों में शामिल हैं जो भारतीय विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं।
इससे पहले आज प्रातः (5 सितंबर, 2018) राष्ट्रपति ने सेंट अलेक्जेंडर नेवस्की स्कवेयर की यात्रा की जहां बल्गारिया के राष्ट्रपति रुमेन रादेव उनकी अगवानी की और समारोहिक स्वागत किया। उन्होंने ‘मॉन्युमेंट ऑफ़ द अननोन सोल्जर’ पर श्रद्धांजलि भी प्रकट की।
बाद में राष्ट्रपति रादेव के साथ परस्पर विचार-विमर्श के दौरान, राष्ट्रपति ने उनकी गर्मजोशी और आतिथेय के लिए उनका धन्यवाद किया। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य भारत-बल्गारिया के बीच राजनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने तथा आर्थिक साझेदारी का निर्माण करना है। तदुपरांत, राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया। इस अवसर पर, उन्होंने कहा कि बल्गारिया द्वारा की गई चहुंमुखी प्रगति, सम्मान और सराहना की पात्र है। भारत भी मजबूत विकास पथ पर अग्रसर है। हमारे बीच आर्थिक सहयोग बढ़ने की गुंजाइश है। हम सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा, औषध-निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन और पर्यटन आदि सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं।
शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता के बाद द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया। भारत और बल्गारिया ने राष्ट्रपति कोविन्द की यात्रा के दौरान 5 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं:
-इन्वेस्ट इंडिया और इन्वेस्ट बल्गारिया के बीच एक समझौता
-पर्यटन में सहयोग और सुविधाओं के परस्पर विनिमय पर समझौता
-विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने पर समझौता
- सिविल न्यूक्लीयर अनुसंधान और सहयोग पर समझौता
-हिंदी अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् तथा सोफिया विश्वविद्यालय के बीच समझौता
राष्ट्रपति ने बल्गारिया की अपनी यात्रा के बारे में एक मीडिया वक्तव्य भी जारी किया।
कल (4 सितंबर, 2018) शाम राष्ट्रपति ने बल्गारिया गणराज्य में भारत की राजदूत सुश्री पूजा कपूर द्वारा आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय तथा ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया ऑर्गनाइजेशन’ के बड़ी संख्या में उपस्थित सदस्यों को संबोधित किया।
उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बल्गारिया का भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच एकसजीव सेतु है। यहां का भारतीय समुदाय संख्या में कम हो सकता है। इसके सदस्य कम हो सकते हैं परंतु उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने बल्गारिया में सांस्कृतिक और शैक्षिक संस्थानों, योग विद्यालयों और आयुर्वेद केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ संस्था की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सोफिया विश्वविद्यालय का इंडोलॉजी विभाग पिछले 35 वर्षों से उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। इसके विद्वानों ने 8 प्रमुख उपनिषदों का अनुवाद संस्कृत से बल्गारियाई भाषा में किया है।
यह विज्ञप्ति 1900 जारी की गई।