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भारत के राष्ट्रपति ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 के समापन समारोह को संबोधित किया; उन्होंने कहा कि सम्मेलन में भारतीय खाद्य उद्योग में व्यापक और काफी असीम अवसरों को दर्शाया गया

राष्ट्रपति भवन : 05.11.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (05 नवम्बर, 2017) को नई दिल्ली में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, भारत सरकार द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 के समापन समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 की ठोस और सच्चे अर्थों में ऐतिहासिक सफलता के लिए आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में 60 विश्व कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित 60 विश्व कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित 60 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि मिले। इसने भारत में खाद्य उद्योग और खाद्य प्रसंस्करण में व्यापक और काफी असीम अवसर प्रदर्शित करने में मदद की है।

राष्ट्रपति ने कहा कि खान-पान एक संस्कृति है परंतु यह एक वाणिज्य भी है। भारत का खाद्य उपभोग वर्तमान में 370 बिलियन अमरीकी डॉलर के बराबर है। इसके एक दशक से भी कम समय, अर्थात 2025 में 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। उपज के बाद की सुविधाओं, संचारतंत्र, कोल्ड चेन और विनिर्माता सहित भारत की समस्त खाद्य मूल्य शृंखला में अवसर मौजूद हैं। यह विशाल कारोबारी गुंजायश का क्षेत्र मौजूद है। खाद्य उद्योग एक विशाल नियोक्ता बन सकता है। और यह भारत जैसे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसकी एक विशाल युवा जनसंख्या है। यह भी उल्लेखनीय है कि महिलाएं बड़ी संख्या में खाद्य क्षेत्र में शामिल हैं। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में, जहां लघु खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना द्वारा सूक्ष्म उद्यमी के रूप में उभरने के लिए महिलाओं के लिए काफी संभावनाएं हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार बढ़ते खाद्य उद्योग के सामाजिक और आर्थिक लाभों के प्रति जागरूक है। यह घरेलू और विदेशी निवेश को आकर्षित करने का एक प्रमुख क्षेत्र है। खाद्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए देश के सभी भागों में 41 मेगा फूड पार्क और कोल्ड चेन स्थापित किए जा रहे हैं। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, सही लेबलिंग, बौद्धिक संपदा मुद्दों और नवान्वेषण तथा प्रौद्योगिकी के सहायक तौर पर प्रयोग पर निरंतर जोर दिया जा रहा है।

रष्ट्रपति ने स्टार्ट-अप और हैकेथोन पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र संवरेगा तथा गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों में सुधार आएगा। उन्होंने उल्लेख किया कि एक चुने गए स्टार्ट अप में भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. सी.वी. रमन की खोज, रमन स्पेक्ट्रोस्केपी को, एक कम लागत के दस्ती यंत्र के रूप में ढाला है, जिससे खाद्य मिलावट का तुरंत पता लगाया जा सकता है। इस प्रौद्योगिकी से करोड़ों खाद्य धोखेबाज से बचा जा सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारतीय कृषक और भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भारत के लिए खाद्य उत्पाद बना सकते हैं तथा विश्व के मुकाबले भारत का प्रतिस्पर्धी लागत ढांचा प्रदान कर सकते हैं। इससे किसान और उपभोक्ता दोनों अनायास कीमत वृद्धि से बच सकते हैं तथा कृषि समुदाय के लिए समुचित आप सुनिश्चित हो सकती है।

यह विज्ञप्ति 1410 बजे जारी की गई