भारत के राष्ट्रपति ने कुष्ठ रोग निवारण के लिए 'अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्कार' प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 06.02.2020
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (6 फरवरी, 2020) कुष्ठ रोग निवारण के लिए भारतीय नामांकन (व्यक्तिगत) श्रेणी के अंतर्गत डॉ. एन.एस. धर्मशक्तु और संस्थागत श्रेणी के अंतर्गत ‘कुष्ठ मिशन ट्रस्ट’ को ‘अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्कार’ प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि कुष्ठ रोग के विरुद्ध अपनी लड़ाई में, इतने वर्षों में हमने काफी सफलता प्राप्त की है। कुष्ठ उन्मूलन की परिभाषा के अनुसार, हमने प्रति हजार आबादी पर कुष्ठ रोगी के एक से भी कम मामले के साथ, कुष्ठ उन्मूलन के स्तर को सफलता पूर्वक पूरा किया है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, संगठनों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, कुष्ठ रोग के विरुद्ध सामाजिक दुराव और पूर्वाग्रह में बहुत कमी आई है। तथापि, हमें अपने प्रतिरक्षा उपायों में कोई ढील नहीं देनी है। नए मामले सामने आते रहते हैं और इस रोग से बड़ी संख्या में ग्रस्त कतिपय स्थान अभी भी मौजूद हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि विशेष रूप से कम संसाधन वाले ऐसे क्षेत्रों में, कुष्ठ नियंत्रण गतिविधियों के प्रति ध्यान और प्रतिबद्धता के समान स्तर को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होती है जहां पहुंच की समानता की समस्या है। हमें कुष्ठ रोग के मामलों का शीघ्र पता लगाने, उचित उपचार के लिए समान पहुंच प्रदान करने और भौगोलिक रूप से केन्द्रित क्षेत्रों में एकीकृत कुष्ठ निवारण सेवाएं प्रदान करने की दिशा में अपने प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बीमारी से अधिक, इस बीमारी से जुड़ी सामाजिक अस्वीकार्यता की समस्या अब भी बनी हुई है जो चिंता का विषय है। हमें इस बीमारी और इसके भिन्न-भिन्न आयामों के बारे में जागरूक और शिक्षित होना होगा और अपने समुदायों में भी ऐसी ही जागरूकता फैलानी होगी। हमें समर्थन देकर और सूचना के प्रसार के माध्यम से उन लोगों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है, जिनके साथ, कुष्ठ रोग से पीड़ित होने के कारण, भेदभाव किया गया है।