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भारत के राष्ट्रपति ने तिरुअनंतपुरम में ‘फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी’ का उद्घाटन किया; उन्होंने कहा कि केरल में संवाद और आपसी सामंजस्‍य की संस्कृति से राजनीतिक हिंसा की प्रवृत्तियों पर रोक लगनी चाहिए

राष्ट्रपति भवन : 06.08.2018

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्‍द ने आज (6 अगस्त, 2018) केरल विधान सभा के हीरक जयंती समारोह के समापन के अवसर पर तिरुअनंतपुरम में ‘फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी’ का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीति, सार्वजनिक जीवन और लोकतंत्र की गुणवत्ता समाज के मौलिक लोकाचार का प्रतिबिंब होती है। इसलिए केरल विधानसभा ने और अपनी चर्चाओं और परिचर्चाओं के माध्‍यम से, ऐतिहासिक तौर पर जिन मानवतावादी मूल्यों का समर्थन किया है, उन पर कानून बनाए हैं, वे इस राज्य की परंपराओं का दर्पण हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि पिछली शताब्दियों में भी केरल के सामाजिक ढांचे में चर्चा-परिचर्चा बहस और संवाद को प्रोत्साहित किया जाता था।आदि शंकराचार्य, श्री नारायण गुरु और अय्यनकली जैसे दूरदर्शी सुधारकों ने यही मार्ग अपनाया था। केरल को अपना प्रारंभिक बसेरा बनाने वाले हिंदू, यहूदी, ईसाई, इस्लाम आदि महान पंथों और आध्यात्मिक परंपराओं को मानने वाले लोगों के बीच परस्‍पर विमर्श की प्रेरणा इसी मार्ग से मिली थी। राष्ट्रपति ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कोई व्यक्ति किसी न किसी पंथ में विश्वास करता ही हो; यह भी संभव है कि वह किसी भी पंथ में विश्वास न करता हो। महत्वपूर्ण यह है कि सुचिंचित और सुविचारित वाद-विवाद तथा आपसी सामंजस्‍य की जो संस्कृति है और जो केरल के ताने-बाने का हिस्सा रही है, उसे सहेजकर रखा जाना चाहिए।

विगत 60 वर्षों में दौरान, केरल विधान सभा के शालीन और विद्वत्‍तापूर्ण संचालन की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा होते हुए भी केरल, खासतौर से इस राज्य के कुछ क्षेत्रों में राजनीतिक हिंसा के विरोधाभासी हालात बने हुए हैं। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्य और इसकी जनता की महान परंपराओं से मेल नहीं खाती। सभी राजनीतिक दलों और सभी प्रबुद्ध नागरिकों के लिए यह महत्‍वपूर्ण है कि वे ऐसी प्रवृत्तियों को पनपने से रोकने का भरसक प्रयास करें। वाद-विवाद, असहमति और मतभेद पूरी तरह से स्‍वीकार्य होने चाहिए और हमारी राजनीतिक व्‍यवस्‍था में इनका स्वागत किया जाना चाहिए। परंतु हमारे संविधान में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है।

यह विज्ञप्ति 1430 बजे जारी की गई।