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राष्ट्रपति कोविन्द ने अदीस अबाबा विश्वविद्यालय के विद्याथियों को संबोधित किया; उन्होंने कहा कि शिक्षा, इथियोपिया और अफ्रीका के साथ भारतीय संबंधों का आधार है

राष्ट्रपति भवन : 06.10.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने जिबूती और इथियोपिया की अपनी चार दिवसीय राजकीय यात्रा पूरी करने से पहले आज (06 अक्तूबर, 2017) इथियोपिया में सबसे प्राचीन अदीस अबाबा विश्वविद्यालय में शिक्षकों और विद्यार्थियों को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा में सहयोग इथियोपिया के साथ भारत के संबंधों का आधार रहा है। जब इथियोपिया ने अपने शिक्षा क्षेत्र के विस्तार के प्रयास शुरू किए थे तो यहां भारतीय शिक्षकों को प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन पूर्ववर्ती अग्रणियों ने देश के सुदूर भागों की यात्राएं की,बच्चों में मूल्य और आदर्श संचारित किए तथा संपूर्ण जीवन शिक्षण के नेक कार्य में लगा दिया।

राष्ट्रपति ने कहा आज 2000 भारतीय संकाय सदस्य इथियोपियाई विश्वविद्यालयों में अध्यापन और शैक्षिक अनुसंधान में योगदान दे रहे हैं। भारतीय शिक्षक इथियोपियाई विश्वविद्यालयों के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण प्रवासी शिक्षण समुदायों में शामिल हैं। हमें गर्व है कि वे हमारे शैक्षिक समुदायों के बीच सेतु के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थाओं के बीच संपर्क और शोध सहयोग प्रोत्साहित किए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक वर्ष भारत अपने-अफ्रीकी छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के भाग के रूप में सैकड़ों इथियोपियाई विद्यार्थियों का स्वागत करता है। वे शोध करने या उच्च डिग्री प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से निधि पोषित छात्रवृत्तियों के द्वारा आते हैं। यह दो उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग का श्रेष्ठ उदाहरण है। इसके अतिरिक्त,इथियोपिया और भारत पाठ्यक्रम सहित अफ्रीकी देशों के बीच शैक्षिक और क्षमता निर्माण सहयोग की एक उपलब्धि पैन अफ्रीकन ई-नेटवर्क परियोजना है। इसे 2009 में इसी शहर में सृजित किया गया था।08 वर्ष पहले,अदीस अबाबा में निर्मित, यह अफ्रीका के 48 देशों को भारत से जोड़ता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जिस प्रकार भारतीय शिक्षकों ने इथियोपियाई संस्थानों में योगदान दिया है उसी प्रकार इथियोपिया विद्यार्थियों के छात्रवृत्तियों में वृद्धि हुई है और भारत के विश्वविद्यालयों के छात्रवृति और सांस्कृतिक परिदृश्य खूबसूरत बना है। यह हमारे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि भारतीय शिक्षा संस्थाओं के पूर्व विद्यार्थी इथियोपिया के उच्च पदों पर आसीन हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें ज्ञात है कि इस सूची में प्रथम महिला और कैबिनेट के कम से कम 9 मंत्री शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने ध्यान दिलाया कि हमारी जनसांख्यिकी रूप-रेखा के अनुसार इथियोपिया और भारत दोनों युवा देश हैं;भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या35 वर्ष की आयु से कम है;और इथियोपिया की 64 प्रतिशत जनता 25 वर्ष से कम है। हमारे सामने एक जैसी चुनौतियां हैं 21वीं शताब्दी की अर्थव्यवस्था में स्पर्द्धा के लिए हमारे युवाओं और विद्यार्थियों को शिक्षा और कौशल से सुसज्जित करना आवश्यक है। इससे आगे, एक ऐसा आर्थिक मॉडल प्रोत्साहित करना होगा जो स्थानीय समुदाय से कुछ लेने की बजाय उसमें योगदान करे। इसलिए इथियोपिया और वस्तुतः समूचे अफ्रीका को भारत एक इच्छुक और सहृदय साझीदार लगता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी मैत्री के परिणाम तत्काल नहीं मिलते उनमें समय लग सकता है। भारत के लिए,इथियोपिया एक लंबी दूरी का साझीदार है और वास्तव में बिकिला के देश और गैब्रेसेलेसी जानते हैं और लंबी दूरी के धावक के महत्व को समझते हैं।

कल (05 अक्तूबर, 2017) शाम को राष्ट्रपति ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री हेलेमरियम देसालेन के साथ व्यापक बातचीत की। उसके बाद उन्होंने इथियोपिया संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रपति,डॉ. मुलाटु टेशोम द्वारा उनके सम्मान में अदीस अबाबा के प्रेजीडेंशियल पैलेस में आयोजित राजभोज में भाग लिया।

यह विज्ञप्ति 1400 बजे जारी की गई