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राष्ट्रपति कोविन्द ने कवरत्ती में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति भवन : 07.01.2020

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द आज सुबह इस संघ राज्यक्षेत्र की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर लक्षद्वीप पहुंचे।

अन्य लोगों के साथ लक्षद्वीप के प्रशासक, श्री दिनेश्वर शर्मा ने कवरत्ती में राष्ट्रपति की अगवानी की। उनके सम्मान में ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया और कवरत्ती में उनका पारंपरिक स्वागत किया गया।

इसके बाद राष्ट्रपति एक सार्वजनिक स्वागत समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी।

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह स्थान विशेष है और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय है। लक्षद्वीप के समुद्र का स्वच्छ नीला जल न केवल प्रकृति की जादुई छटा दर्शाता है; अपितु यह इन द्वीपों के निवासियों की समझदारी और पर्यावरण के प्रति उनके प्रेम व चिंता का सूचक भी है। लक्षद्वीप की इस छवि में उसका समुद्री जीवन, निर्मल लैगून, प्रवाल भित्तियों, गर्म समुद्री जल और इसके लोगों से मिलकर बने पारिस्थितिकी तंत्र निखरकर सामने आता है।

उन्होंने कहा कि मैं इस बात से अवगत हूं कि यहां पर रहने वालों की अपनी कुछ अनोखी चुनौतियां भी हैं, जैसे कि मुख्य भूमि और द्वीपों के साथ संपर्क बनाए रखना, और विशेष रूप से मानसून के दौरान मौसम की कठिन परिस्थिति। हालांकि लक्षद्वीप की प्रगति और विकास में इनसे कोई बाधा नहीं आई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कवरत्ती के सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल की आधारशिला रखने पर उन्‍हें प्रसन्नता हुई है। क्‍योंकि यह अस्पताल खुलने से कवरत्ती में रहने वाले लोगों के साथ-साथ अन्य द्वीपों में रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का समाधान होगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब यह अस्पताल बन कर तैयार हो जाएगा और पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगा, तो इससे मरीजों को इलाज के लिए कोच्चि तक जाने की आवश्यकता बहुत कम हो जाएगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी कुछ समस्याएं हैं जिनका सामना लक्षद्वीप के लोगों को करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, लक्षद्वीप के सभी द्वीप बिजली के लिए पूरी तरह से डीजल जनरेटर पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि हमें डीजल जनित बिजली पर निर्भरता को कम करने के तरीके तलाशने होंगे। यहाँ हवा और धूप दोनों प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, इसलिए हमें लक्षद्वीप में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग का विस्तार करने पर विचार करना चाहिए। उन्‍होंने आगे कहा कि उन्‍हें यह भी ज्ञात है कि लक्षद्वीप में पीने योग्य पानी की कमी है। यह भी ऐसा एक क्षेत्र है जहाँ नवीन समाधान खोजने और अपनाने की आवश्यकता है। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें विश्वास है कि लक्षद्वीप के लोग और संबंधित अधिकारी ऐसी सभी समस्याओं के समाधान के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।