भारत के राष्ट्रपति मध्यप्रदेश के दमोह में स्थित सिंग्रामपुर गाँव में आयोजित जनजातीय सम्मलेन में शामिल हुए
राष्ट्रपति भवन : 07.03.2021
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने कहा कि हम सबको मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि हमारे जनजातीय भाई-बहनों को आधुनिक विकास में भागीदारी करने का लाभ मिले और साथ ही, उनकी जनजातीय पहचान व अस्मिता अपने सहज रूप में बनी रहे। वे आज (7 मार्च, 2021) मध्य प्रदेश सरकार के आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के दमोह में स्थित सिंग्रामपुर गाँव में आयोजित ‘जनजातीय सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे, जहाँ उन्हें उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय का कल्याण तथा विकास पूरे देश के कल्याण और विकास से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इसी सोच के साथ केन्द्र एवं राज्य की सरकारों द्वारा जातीय लोगों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि हमारे जनजातीय भाई-बहनों को आधुनिक विकास में भागीदारी करने का लाभ मिले और साथ ही, उनकी जनजातीय पहचान व अस्मिता अपने सहज रूप में बनी रहे।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम सबको अपने जनजातीय भाई-बहनों से बहुत कुछ सीखना चाहिए। जनजातीय समुदायों में भाई-चारे एकता-मूलक समाज को बनाए रखने पर ज़ोर दिया जाता है। उनमें स्त्रियों और पुरुषों के बीच भेदभाव नहीं किया जाता है। इसलिए जनजातीय आबादी में स्त्री-पुरुष अनुपात सामान्य आबादी से बेहतर है। जनजातीय समुदायों में व्यक्ति के स्थान पर समूह को प्राथमिकता दी जाती है, प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग को प्रोत्साहित किया जाता है। उनकी जीवनशैली में प्रकृति को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है। आदिवासी जीवन संस्कृति में सहजता होती है तथा परिश्रम का सम्मान होता है। यदि हमें मानवता की जड़ों से जुड़ना है तो हमें आपको जनजातीय समुदायों के जीवन-मूल्यों को अपनी जीवनशैली में लाने का प्रयास करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदायों में परंपरागत ज्ञान का अक्षय भंडार संचित है। उन्होंने कहा कि बैगा समुदाय के लोग परंपरागत औषधियों व चिकित्सा के विषय में बहुत जानकारी रखते हैं। परंपरागत आयुर्वेदिक औषधियों के प्रसंस्करण एवं विनिर्माण की योजनाओं में जनजातीय समुदाय की भागीदारी बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज, 'मेड इन इंडिया' के साथ-साथ 'हैंड मेड इन इंडिया' को प्रोत्साहित करने पर भी बल दिया जा रहा है। हस्तशिल्प के क्षेत्र में हमारे जनजातीय भाई-बहन अद्भुत कौशल के धनी हैं। ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए जिससे उनके हस्तशिल्प के उत्पादों को अच्छी कीमत और व्यापक स्तर पर बाजार मिल सके।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ही किसी भी व्यक्ति या समुदाय के विकास का सबसे अधिक प्रभावी माध्यम है। इसलिए जनजातीय समुदाय के शैक्षिक विकास के लिए प्रयास करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मध्य प्रदेश में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के निर्माण एवं संचालन पर विशेष बल दिया जा रहा है। जनजातीय छात्राओं में साक्षरता और शिक्षा के प्रसार के लिए मध्य प्रदेश में कन्या शिक्षा परिसरों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य का शिलान्यास भी किया और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नव सृजित जबलपुर सर्कल का उद्घाटन किया।