भारत के राष्ट्रपति ने आंध्र विश्वविद्यालय की यात्रा की और रक्षा अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन : 07.12.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (7 दिसम्बर, 2017) आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापट्टनम की यात्रा की तथा रक्षा अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने ई-क्लासरूम कॉम्पलेक्स और इन्क्यूबेशन सेंटर का भी शिलान्यास किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि आंध्र विश्वविद्यालय,विशेषकर इसका इंजीनियरिंग कॉलेज, रक्षा संस्थानों के साथ अनुसंधान और विकास परियोजनाओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि रक्षा अध्ययन केंद्र साइबर सुरक्षा,नैनोटेक्नोलॉजी, राडार और संचार,संक्षारण प्रौद्योगिकी और कार्यनीतिक आयाम वाली अन्य प्रौद्योगिकियों पर ध्यान देगा।
राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि आंध्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अनुसंधानकर्ता डीआरडीओ और नौ सेना अनुसंधान बोर्ड व अन्य संस्थानों के साथ विशेष परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है। आंध्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रह्मोस मिसाइल के विकास सहित मिसाइल परियोजनाओं के लिए अनुसंधान और विकास से जुड़े रहे हैं। इसके अतिरिक्त,इस विश्वविद्यालय की विशेषज्ञता को सिविल इंजीनियरी ढांचागत अनुप्रयोगों और संक्षारण संबंधी मुद्दों के लिए पूर्वी नौसेना कमान के विशाखापट्टनम मुख्यालय द्वारा प्राप्त की गई है। रक्षा और सेना अनुप्रयोगों और प्रौद्योगिकियों में संबंधित अनुसंधान का हमारे देश को बहुत लाभ होगा। यह मेक इन इंडिया के प्रयासों को तेज करेगा। जैसा कि अन्य देशों के अनुभवों ने दर्शाया है,रक्षा प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान से ऐसे नवान्वेषण भी हो सकते हैं,जिनके विविध असैन्य अनुप्रयोग होते हैं
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और प्रौद्योगिक संस्थानों में समग्र लैंगिक असंतुलन चिंता का विषय बना हुआ है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आंध्र विश्वविद्यालय में40 प्रतिशत छात्राएं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आंध्र विश्वविद्यालय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के कक्षा तथा प्रयोगशाला कॉम्पलेक्स से उत्कृष्ट महिला इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों को तैयार करने की हमारे देश की क्षमता बढ़ेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की प्रगति की सच्ची परीक्षा हमारी बेटियों की शिक्षा तक पहुंच और अवसर है। उन्होनें ध्यान दिलाया कि हमारे कुछ अग्रणी रक्षा और अंतरिक्ष वैज्ञानिक;जिन्होंने हमारे मिसाइल कार्यक्रमों और हमारे रॉकेट प्रक्षेपणों को सशक्त बनाया है,महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में आगरा में‘भारत की मिसाइल महिला’ के रूप में प्रसिद्ध वरिष्ठ डीआरडीओ वैज्ञानिक डॉ. टेसी थॉमस को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उनकी जैसी सफल महिला,हमारे युवाओं विशेषकर हमारी छात्राओं के लिए आदर्श हैं।
यह विज्ञप्ति 1800 बजे जारी की गई