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भारत के किसी भी राष्ट्रपति की पहली यात्रा राष्ट्रपति कोविन्द इक्वेटोरियल गिनी में राष्ट्रपति ओबियांग से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत इक्वेटोरियल गिनी के साथ विकास सहयोग बढ़ाने के लिए उत्सुक है

राष्ट्रपति भवन : 08.04.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द कल शाम (07 अप्रैल, 2018) तीन अफ्रीकी राष्ट्रों - इक्वेटोरियल गिनी, स्वाजीलैंड और जांबिया की अपनी राजकीय यात्रा के पहले चरण में इक्वेटोरियल गिनी पहुंचे। यह भारत के किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की पहली इक्वेटोरियल गिनी यात्रा है। इक्वेटोरियल गिनी के राष्ट्रपति, श्री तियोदोर ओबियांग ग्यूमा बासोगो ने अपने कैबिनेट सहकर्मियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मालाबू हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति का स्वागत किया।

राष्ट्रपति ने आज (08 अप्रैल, 2018) मालाबू में प्रेसिडेंशियल पैलेस में अपने समकक्ष राष्ट्रपति ओबियांग से मिलकर अपने कार्यक्रमों की औपचारिक शुरुआत की। राष्ट्रपति को इक्वेटोरियल गिनी की सरकार द्वारा किसी गैर-राष्ट्रिक को प्रदान किए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान ‘कोंदेकोरेशियन’ प्रदान किया गया, इससे पहले यह सम्मान मित्र देशों के चुनिंदा राष्ट्र अध्यक्षों को ही दिया गया है।

बाद में हुई परिचर्चाओं के दौरान राष्ट्रपति ने गर्मजोशी और आतिथ्य के लिए राष्ट्रपति ओबियांग का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ओबियांग ने इस महाद्वीप में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अफ्रीकी मामलों में प्रमुख भूमिका निभाई है और भारत इसकी अत्यंत सराहना करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति ओबियांग के नेतृत्व में इक्वेटोरियल गिनी ने तीव्र विकास तथा प्रगति की है। उन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप में इक्वेटोरियल गिनी की सर्वाधिक प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति ओबियांग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी जो अपनी अर्थव्यवस्था का विविधीकरण कर रहा है और तेल व गैस निर्यात पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है, के साथ साझेदारी के लिए भारत तैयार है।

तदुपरांत, राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच मधुर और हार्दिक संबंध रहे हैं। भारत इक्वेटोरियल गिनी के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च महत्व देता है। भारत सरकार ने इसी भावना से इक्वेटोरियल गिनी में एक दूतावास खोलने का फैसला किया है। इससे हमारे रिश्तों को प्रचुर बढ़ावा मिलेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे की पूरक हैं। इक्वेटोरियल गिनी में हाइड्रोकार्बन और खनिज संसाधन हैं और भारत के पास मानव और वित्तीय पूंजी तथा कम लागत वाली तकनीकी विशेषज्ञता है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों की पूरी क्षमता का साकार होना अभी बाकी है। भारत, दोनों देशों की सरकारों के बीच परस्पर विकास सहयोग तथा कारोबारियों के बीच परस्पर संपर्कों को सुगम्य बनाने में इक्वेटोरियल गिनी के साथ साझेदारी करना चाहता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि 2015 के भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मलेन के दौरान भारत ने अफ्रीकी देशों को पांच साल में 10 बिलियन अमरीकी डॉलर की रियायती ऋण सहायता की घोषणा की थी। उन्होंने इक्वेटोरियल गिनी सरकार से इस सुविधा से लाभ लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत को इक्वेटोरियल गिनी की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में परियोजना प्रस्ताव तैयार करने में मदद करके खुशी होगी।

राष्ट्रपति ने, राष्ट्रपति ओबियांग द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक मध्याह्न भोज में भी भाग लिया। राजभोज में अपने उद्बोधन के दौरान राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि भारत और इक्वेटोरियल गिनी औपनिवेशिक अतीत की परछाइयों से बाहर आ गए हैं तथा अपने लोगों की शांति, समृद्धि और बेहतरी के प्रति वचनबद्ध हैं। आज भारत और इक्वेटोरियल गिनी तीव्र विकास सुनिश्चित करने तथा अपने समाजों के सभी वर्गों को इसके लाभ प्रदान करने के कार्य में शामिल हैं। इस संबंध में, इक्वेटोरियल गिनी के ‘नेशनल होराइजन, 2020’ कार्यक्रम की एक प्रमुख भूमिका है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत इक्वेटोरियल गिनी के साथ अपनी विकास सहयोग साझेदारी को बढ़ाने के लिए उत्सुक है। इसी भावना के अनुरूप भारत ने इक्वेटोरियल गिनी में एक उद्यमिता विकास केन्द्र तथा एक अंग्रेजी भाषा प्रयोगशाला स्थापित करने में मदद की पेशकश की है। भारत, कृषि, खनन, स्वास्थ्य, दूर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी में इक्वेटोरियल गिनी की सहायता करने का भरसक प्रयास भी करेगा।

शाम को राष्ट्रपति इक्वेटोरियल गिनी के संसद सदस्यों को संबोधित करेंगे। आज शाम वह मालाबू में भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे।

यह विज्ञप्ति 2010 बजे जारी की गई।