भारत के राष्ट्रपति ने प्राग के चार्ल्स विश्वविद्यालय में चेक भारतविदों की बैठक में भाग लिया; मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के साथ सहयोग कर रहे यूरोप के अग्रणी लेज़र रिसर्च सेंटर ईएमआई बीमलाइंस में संक्षिप्त विवरण लिया
राष्ट्रपति भवन : 08.09.2018
भारत की राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (8 सितंबर, 2018) प्राग के चार्ल्स विश्वविद्यालय में चेक भारतविदों की एक बैठक में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतविद्या पर प्राग में काफी पहले से काम हो रहा है, इसकी शुरुआत 1850 में चार्ल्स विश्वविद्यालय में संस्कृत पीठ की स्थापना के बाद हुई। प्रोफेसर लेसनी चेक स्कूल ऑफ इंडोलॉजी के संस्थापकों में शामिल थे। वे पहले यूरोपीय विद्वान थे जिन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर के काव्य को अंग्रेजी माध्यम की बजाए सीधे बांगला से चेक भाषा में अनूदित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतविद्या के माध्यम से भारत और चेक गणराज्य केवल एकजुट ही नहीं हुए हैं, अपितु आधुनिक भारत के निर्माण तथा भारत के समृद्ध अतीत को सामने लाने में भी इसकी अहम भूमिका रही है।
शाम को राष्ट्रपति ने प्राग के ईएलआई बीमलाइंस इंटरनेशनल लेज़र रिसर्च सेंटर का दौरा किया। विश्व के लेज़र प्रौद्योगिकी और अनुसंधान केन्दों में शामिल इस अग्रणी संस्थान में चल रहे शोध-कार्यों के बारे में उन्होंने जानकारी ग्रहण की। राष्ट्रपति कोविन्द की इस यात्रा के अवसर पर, बीमलाइंस ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रौद्योगिकीविद भी राष्ट्रपति से मिले और उन्हें स्वास्थ्यचर्या, ऊर्जा और सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने काम और उसके आशयों की संक्षिप्त जानकारी दी।
साइप्रस, बल्गारिया और चेक गणराज्य की तीन राष्ट्रों की यात्रा संपन्न होने पर राष्ट्रपति कल (9 सितंबर, 2018) नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। प्राग से विदा होने से पहले राष्ट्रपति रवींन्द्रनाथ टैगोर के सम्मान स्वरूप उनके नाम पर बने ‘ठाकुररोवा पार्क’ की भी यात्रा करेंगे और इस महान कवि के प्रति सम्मान प्रकट करेंगे।
कल शाम (9 सितंबर, 2018) राष्ट्रपति ने प्राग में भारत-चेक गणराज्य कारोबार मंच के सदस्यों को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चेक गणराज्य की अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण पारस्परिक पूरकताएं विद्यमान हैं। भारतीय कंपनियों के पास सूचना प्रौद्योगिकी, अवसंरचना, औषध-निर्माण, ऑटोमोबाइल और सेवा क्षेत्रों की विशेषज्ञता है। भारी इंजीनियरी, प्रतिरक्षा, उन्नत विनिर्माण तथा ऑटोमोटिव और ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में चेक कंपनियों के लिए भारत एक विशाल बाजार की और परस्पर कारोबार बढ़ोत्तरी की संभावनाओं से भरपूर है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिरक्षा क्षेत्र, भारत और चेक गणराज्य के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है। उन्होंने चेक प्रतिरक्षा कंपनियों को भारत में निवेश करने और विनिर्माण करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि बाटा से लेकर स्कोदा तक भारत-चेक सोझेदारी में जनता ने रुचि नहीं दिखाई है; भारत मेंटिकाऊ परिपाटियॉं और कारोबारी आत्मविश्वास दिखाई देता है।
चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री, श्री आंद्रेज बाबीस तथा चेक गणराज्य की संसद के ‘हाऊस ऑफ डेपुटीज’ के अध्यक्ष श्री रेडेक वोंद्राचेक ने कल शाम (7 सितंबर, 2018) राष्ट्रपति कोविन्द से भेंट की। प्रधान मंत्री बाबीस के साथ बैठक में राष्ट्रपति ने घनिष्ठतर प्रतिरक्षा और कारोबार संबंधों पर तथा भारत की साझेदारी में चेक विनिर्माण कंपनियों की कारोबारी सभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।
यह विज्ञप्ति 1640 बजे जारी की गई।