Back

भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 56वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 09.02.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (09 फरवरी, 2018)भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के 56 वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने देश के खाद्य उत्पादन की दिशा को बदलने वाली‘हरित क्रांति’में अहम भूमिका निभाई है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस संस्थान में 14 देशों के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान,पड़ोसी देशों की कृषि क्षमताओं के विकास और अनुसंधान में मदद कर रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी का विचार था कि कृषि,भारतीय अर्थव्यवस्था का मेरुदण्ड है। यह कथन आज भी प्रासंगिक है। किसानों की आय को बढ़ाना तथा ग्रामीण इलाकों का समग्र विकास करना, सम्पूर्ण देश की प्राथमिकता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विद्यार्थी, नवान्वेषण के माध्यम से इस प्रयास में योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश की जनसंख्या के अनुपात में भूमि और जल संसाधन अपेक्षाकृत कम हैं। इसलिए पैदावार बढ़ाने के लिए निरंतर नवान्वेषण किए जाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अपना उद्यम शुरू करने में विद्यार्थियों की मदद के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा ‘नवान्वेषण केन्द्र’ अथवा ‘इन्क्यूबेशन सेंटर’ आरंभ किए जाने चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकारों की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जो कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्यमों को विशेष प्रोत्साहन देती हैं। बहुत सी उद्यम पूंजी निधियां भी हैं जो कृषि आधारित उद्यमों में निवेश के लिए आगे आ सकती हैं। विद्यार्थियों को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए,अपने उद्यम स्थापित करने चाहिए और रोजगार-प्रदाता बनना चाहिए।

यह विज्ञप्ति 1330 बजे जारी की गई