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भारत के राष्ट्रपति ने इक्वेटोरियल गिनी की संसद को संबोधित किया; इस देश की विकास प्राथमिकताओं में भारत के सहयोग का वादा किया; उन्होंने समुद्र प्रशासन, आतंकवाद पर मिलकर कार्य करने का आग्रह किया

राष्ट्रपति भवन : 09.04.2018

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भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने कल शाम (08 अप्रैल, 2018) इक्वेटोरियल गिनी की संसद के सदस्यों को संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि जुलाई, 2017 में भारत के राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण करने के बाद से उनकी सभी तीनों राजकीय यात्राएं अफ्रीका की रही हैं। यह तथ्य,अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत के घनिष्ठ और स्थायी संबंध का सूचक है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी और भारत की साझी विशेषताएं और चुनौतियां हैं। इक्वेटोरियल गिनी अफ्रीका की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत विश्व की सबसे तेज गति से विकास कर रही प्रमुख अर्थव्यवस्था है। हमारे दोनों देशों की आकांक्षा विकसित देश बनने, अपने आर्थिक विकास के लाभ हमारे समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने तथा युवाओं को उनकी क्षमता साकार करने का माहौल उपलब्ध कराने के लिए तुरंत व आवश्यक कदम उठाने की है। इसके लिए भारत इक्वेटोरियल गिनी के द्वारा तय प्रक्रिया के अनुसार और इसके नेतृत्व में इसकी विकास प्राथमिकताओं में सहयोग करने के लिए तैयार है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी अपनी अर्थव्यवस्था को तेल और गैस से हटकर विविधीकृत करना चाहता है और इस कार्य में भारत एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में मौजूद है। हम कृषि व खनन, मात्स्यिकी और जन स्वास्थ्य, खाद्य प्रसंस्करण तथा दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण के लिए मिलकर कार्य कर सकते हैं। भारत के भू-वैज्ञानिक, प्राकृतिक संसाधनों के सर्वेक्षण और मानचित्रण में इक्वेटोरियल गिनी के तकनीकी विशेषज्ञों की मदद कर सकते हैं। भारतीय कृषि प्रौद्योगिकीविद् किसी खेत विशेष या क्षेत्र विशेष में मिट्टी की संरचना का विश्लेषण करने में मदद कर सकते हैं। ऐसी जानकारी से किसान मिट्टी के सही पोषक तत्वों की पहचान कर सकेंगे और पैदावार बढ़ा सकेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी और भारत के बीच साझेदारी हमारे दोनों देशों के हित में है परंतु यह विश्व के लिए भी एक हितकारी साझेदारी है। समुद्री यात्रा करने वाले समाजों के रूप में हम अपने समुद्रों की सुरक्षा और संरक्षा तथा समुद्री शासन की पारदर्शी और नियम-आधारित व्यवस्था की निरंतर जरूरत के प्रति समान रूप से जागरूक हैं। अटलांटिक और हिन्द महासागर परस्पर सहजीवी हैं। उनकी समुद्री प्रणालियां आपस में जुड़ी हैं और इसी प्रकार से उनकी सुरक्षा चुनौतियां और प्रायः मानवीय अपदाओं के खतरे भी आपस में जुड़े हैं।

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि इन चुनौतियों का सामना एकजुट प्रयासों से करना होगा। हमारे देशों को समुद्री सुरक्षा पर और अधिक सहयोग करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए हमें मिलकर कार्य करना चाहिए कि समुद्रों से सौहार्द फैले, मित्रता पैदा हो तथा व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिले। रक्षा और आपदा नियोजन तथा तत्परता के बारे में इक्वेटोरियल गिनी के साथ सहयोग बढ़ाने तथा अपनी तकनीकी व अन्य क्षमताएं उपलब्ध कराने में खुशी होगी।

राष्ट्रपति ने इक्वेटोरियल गिनी को इस वर्ष जनवरी में शुरू हुई दो वर्ष की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में चुने जाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र को और अधिक प्रभावी,समतापूर्ण तथा वर्तमान वास्तविकताओं को बेहतर प्रतिबिम्बित करने वाला मंच बनाने के लिए इक्वेटोरियल गिनी के साथ मिलकर कार्य करने का इच्छुक है। उन्हें विश्वास है कि इक्वेटोरियल गिनी अफ्रीका के साथ-साथ आम तौर पर विकासशील देशों से संबंधित मुद्दों तथा वैश्विक किस्म की चुनौतियों को रेखांकित करने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद की बुराई हमारे युग की एक दुखद वास्तविकता है। आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है परंतु इसका मुकाबला टुकड़ों में किया जा रहा है। इसके लिए,एक व्यापक वैश्विक रणनीति बनाए जाने की जरूरत है। इस संबंध में भारत,संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद संबंधी व्यापक समझौते को शीघ्र लागू करने के लिए इक्वेटोरियल गिनी का समर्थन चाहता है।

बाद में राष्ट्रपति, इक्वेटोरियल गिनी में भारत के राजदूत श्री सुशील कुमार सिंघल द्वारा मलाबू में आयोजित एक सामुदायिक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय से मिले और उसे संबोधित किया।

उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय का प्रत्येक सदस्य भारत और इक्वेटोरियल गिनी के रिश्तों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण है। भारत सरकार द्वारा केवल एक राजनयिक राजदूत नियुक्त किया गया है परंतु इस देश में मौजूद भारतीय समुदाय के सभी सदस्य भारत के सांस्कृतिक राजदूत हैं। उन्होंने भारतीय समुदाय से दोनों देशों के बीच कारोबार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने में मदद का आग्रह किया।

यह विज्ञप्ति 1040 बजे जारी की गई।