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लेखा और वित्त सेवा के श्रेणी-1 प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 09.05.2018

राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान, फरीदाबाद के 25वें कार्य कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भाग ले रहे लेखा और वित्त सेवा के श्रेणी-1 के इकतालीस प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज (9 मई, 2018) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द से भेंट की।

प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उनका कार्य और दायित्व देश में ‘सुशासन’ की निर्णायक धार के तौर पर काम करता है। इसलिए उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में हर समय नैतिकता, जवाबदेही और पारदर्शिता के उच्च मानदंड कायम करने होंगे। उन्‍हें सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सरकार का मूल मंत्र ‘न्यूनतम नियंत्रण, अधिकतम शासन’ है। इसी प्रकार, आज जनसेवा उपलब्धता में अधिक से अधिक कुशलता के प्रति हमारे नागरिकों की उम्मीदें बढ़ रही हैं। सिविल सेवा अधिकारियों का मौजूदा कार्य अपेक्षाओं से भरा हुआ है। परंतु चाहे नई सूचना प्रद्योगिकी के मंच हों, पेमेंट गेटवे हों या साइबर स्पेस की अनंत संभावनाएं हों, वे अपने कार्य में प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक समेकन से अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। हमारे लेखांकन, बजट और लेखापरीक्षा प्रणालियों में सुधार करना तथा विश्व के सर्वोत्तम तरीकों के अनुरूप उन्हें निरंतर अद्यतन बनाने का कार्य उनकी प्राथमिकता सूची में हमेशा ऊपर रहना चाहिए।

यह विज्ञप्ति 1335 बजे जारी की गई