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भारत के राष्ट्रपति स्वाजीलैंड की संसद को संबोधित करने वाले पहले अतिथि राष्ट्र प्रमुख बने; भारत ने स्वास्थ्य और कृषि में सहयोग, नए संसद भवन के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता जताई

राष्ट्रपति भवन : 10.04.2018

भारत के राष्ट्रपति,श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (10 अप्रैल, 2018) स्वाजीलैंड के संसद सदस्यों को संबोधित किया। इस देश की संसद को संबोधित करने वाले वह प्रथम अतिथि राष्ट्र प्रमुख बने।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि हम एक डिजिटल और गहन-संयोजित विश्व में रह रहे हैं जिससे सांसदों के सम्मुख असीम चुनौतियां पैदा हो गई हैं। रोज़गार और अर्थव्यवस्था से संबंधित स्थानीय व दैनिक मुद्दे, वैश्विक खाद्य कीमतों, जलवायु परिवर्तन या अनेक प्रकार के सुरक्षा खतरों के रूप में अन्यत्र घट रही घटनाओं से प्रभावित होते हैं। वैश्वीकरण और प्रौद्योगिकी के प्रभाव तथा लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं ने जन-नीति में नए आयाम जोड़ दिए हैं। ऐसे दौर में कानून बनाने के लिए वृहत्तर जागरूकता व दक्षता की जरूरत है। लेकिन चुनौतियों के साथ ही अवसर भी सामने आते हैं। आज हमें बहस और परिचर्चाओं में लोगों की ज्यादा भागीदारी दिखाई देती है। विधान निर्माता, प्रमुख मुद्दों पर तुरंत पुष्टि प्राप्त कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सात दशकों में भारत ने संसदीय लोकतंत्र का सुदृढ़ संस्थागत शिल्प तैयार कर लिया है। हमें स्वाजीलैंड के इस माननीय सदन के साथ अपने अनुभव साझा करने में खुशी होगी। राष्ट्रपति ने स्वाजीलैंड में नए संसद भवन के निर्माण के लिए भारत की ओर से रियायती वित्तपोषण की पेशकश की।

राष्ट्रपति ने कहा कि मितव्ययिता और किफायती नवान्वेषण द्वारा भारतीय विकास को गति प्राप्त हुई है। हमारी प्रौद्योगिकियों और संस्थागत मॉडल से स्वाजीलैंड में उत्पादन की लागत को कम करने में मदद मिल सकती हैं। हम स्वाजीलैंड के साथ ही नहीं अपितु समूचे अफ्रीका महाद्वीप के साथ अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए उत्सुक हैं। इस संबंध में हमारा नज़रिया अफ्रीकी भाइयो और बहिनों के साथ एकजुट होकर और साझेदारी के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए स्थानीय क्षमता विकसित करने का रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों में उन्नति के बावजूद, कृषि अभी भी हम दोनों देशों की आबादी के बड़े हिस्से के लिए प्रमुख आधार बनी हुई है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई है कि भारत ने पहले ही स्वाजी किसानों के साथ अपने कुछ अनुभवों को साझा किया है। इससे उन्हें ज्वार की पैदावार को कई गुना बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने घोषणा की कि भारत स्वाजीलैंड में कृषि उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना में मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत लुबुयाने क्षेत्र में एक सिंचाई प्रणाली विकसित करेगा।

राष्ट्रपति ने विचार व्यक्त किया कि जलवायु परिवर्तन हमारी दुनिया के लिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है। उन्होंने कहा कि स्वाजीलैंड ने स्वयं भी ‘अल नीनो’ परिघटना, जिसके कारण दो वर्षों तक सूखा पड़ा, को झेला है। भारत ने स्वाजीलैंड की नेशनल डिसास्टर मैनेजमेंट एजेंसी को सहयोग देने के लिए, 1 मिलियन अमरीकी डॉलर तथा खाद्यान्न देने की पेशकश की है।

एक अन्य समारोह में, राष्ट्रपति ने आज सुबह रॉयल साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क का उद्घाटन किया। पार्क को भारत के सहयोग से विकसित और निर्मित किया गया है। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा और क्षमता निर्माण तथा सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं के स्थल के रूप में टेक्नॉलॉजी पार्क पर एक प्रस्तुति भी देखी।

राष्ट्रपति कल (09 अप्रैल, 2018) स्वाजीलैंड में किंग स्वाती तृतीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे जहां स्वाजीलैंड के प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्यों ने उनका स्वागत किया। द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर स्वाजीलैंड के किंग के साथ बातचीत के लिए वे सीधे ही रवाना हो गए। किंग ने राष्ट्रपति को ‘ऑर्डर ऑफ द लॉयन’ से सम्मानित किया। किसी भी गैर-राष्ट्रिक को प्रदान किया जाने वाला स्वाजीलैंड का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

समारोह के बाद, राष्ट्रपति ने स्वाजीलैंड के प्रति भारत की वचनबद्धता को दोहराया और घोषणा की कि जल्द ही इस राजशाही में भारतीय दूतावास खोला जाएगा। राष्ट्रपति और किंग की उपस्थिति में भारत और स्वाजीलैंड ने स्वास्थ्य सहयोग तथा सरकारी और राजनयिक पासपोर्ट पर यात्रा करने वाले व्यक्तियों के लिए वीजा की छूट संबंधी दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए। बाद में 09 अप्रैल की शाम को किंग ने राष्ट्रपति के लिए एक राजभोज की मेजबानी की।

स्वाजीलैंड की अपनी यात्रा के समापन के बाद, राष्ट्रपति आज (10 अप्रैल, 2018) राष्ट्रपति जांबिया के लिए रवाना होंगे। तीन अफ्रीकी राष्ट्रों - इक्वेटोरियल गिनी, स्वाजीलैंड और जांबिया की उनकी यात्रा का यह अंतिम चरण होगा। शाम को वह लुसाका में भारतीय समुदाय से मुलाकात करेंगे और उसे संबोधित करेंगे।

यह विज्ञप्ति 1040 बजे जारी की गई।