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राष्ट्रपति कोविन्द 14 वर्षों में सियाचिन की यात्रा करने वाले भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने; उन्होंने वहां तैनात सैनिकों को संबोधित किया; उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय उनके प्रति आभारी है और उनके और उनके परिजनों के साथ है

राष्ट्रपति भवन : 10.05.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द ने आज (10 मई, 2018) सियाचिन बेस कैंप की यात्रा की और वहां तैनात सैनिकों को संबोधित किया। उन्होंने ‘कुमार पोस्ट’ की भी यात्रा की। राष्ट्रपति कोविन्द सियाचिन की यात्रा करने वाले भारत के दूसरे राष्ट्रपति हैं। इससे पहले अप्रैल 2004 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलामने यहां की यात्रा की थी। इस प्रकार राष्ट्रपति कोविन्‍द 14 वर्षों में सियाचिन की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं।

आज सैनिकों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति कोविन्‍द ने कहा कि सशस्त्र सेना के सर्वोच्च कमांडर और भारत के राष्ट्रपति के रूप में वे समूचे देशके आभार का संदेश लेकर उनके बीच आए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सियाचिन विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है और यहां की विषम जलवायु में सामान्य जीवन जीना कठिन है।ऐसी हालत में सैनिकों के लिए लगातार संचालन और युद्ध के लिए तत्पर रहना असाधारण बात है। उनका संकल्प और समर्पण अत्यंत सराहनीय है और भारत की रक्षा के प्रति उनकी निष्ठा सभी देशवासियों के लिए एक आदर्श है।

पिछले 34 वर्षों के दौरान सियाचिन में तैनात सैनिकों की वीरता और पराक्रम ने प्रत्येक भारतीय को यह भरोसा दिलाया है कि हमारी सीमाएं सुरक्षित और संरक्षित हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मैं यहां तैनात सैनिकों को यह बताने के लिए आया हूं कि भारत के सभी नागरिक और भारत सरकार हमेशा उनके साथ है और उनके परिवारों के मददगार हैं।

राष्ट्रपति ने सियाचिन युद्ध स्मारक पर भी सम्मान प्रकट किया जो11000 सैनिकों और अधिकारियों के बलिदान का प्रतीक है जिन्‍होंने 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना द्वारा सियाचिन ग्लेशियर में शुरू किए गए ‘अभियान मेघदूत’के बाद से लेकर अब तक अपनी शहादत दी है।

यह विज्ञप्ति 1500 बजे जारी की गई