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राष्ट्रपति ने कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति की मेजबानी की; उन्होंने कहा कि भारत एक स्थिर और शांतिपूर्ण कोरियाई प्रायद्वीप के लिए दक्षिण कोरिया के मध्यस्थता प्रयासों का पूरा समर्थन करता है

राष्ट्रपति भवन : 10.07.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (10 जुलाई, 2018) राष्ट्रपति भवन में कोरिया गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री मून जे-इन का स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक राजभोज का भी आयोजन किया।

भारत में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और दक्षिण कोरिया लोकतांत्रिक मूल्यों और ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी सुदृढ़ और ऊर्जस्वी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की यात्रा से इसमें नई गति का संचार होगा।

राष्ट्रपति ने कोरियाई प्रायद्वीप में व्याप्त सुरक्षा स्थिति को स्थिर और शांतिपूर्ण बनाने के प्रयासों और संकल्प के लिए दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके मध्यस्थता प्रयास सराहनीय हैं और भारत उनका पूरा समर्थन करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-दक्षिण कोरिया आर्थिक संबंध मजबूत हो रहे हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि 25 प्रतिशत की प्रभावी वार्षिक वृद्धि दर से द्विपक्षीय व्यापार 2017 में 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि हम मिलकर और बहुत कुछ कर सकते हैं। 7 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक विकास दर के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था विविध बाजार अवसर मुहैया करवा रही है। जहां कोरियाई निवेशक निवेश को विविध बनाने पर गौर कर रहे हैं; वहीं भारत कारोबार अनुकूल वातावरण और प्रतिफल देने की स्थिति में है। यह दोनों पक्षों के लिए अनुकूल है क्योंकि भारत जहां दक्षिण कोरिया के निवेश और प्रौद्योगिकी से लाभ प्राप्त कर रहा है वहीं दक्षिण कोरिया हमारी कुशल और किफायती जनशक्ति और विशाल बाजार से फायदा उठा सकेगा।

बाद में, अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और दक्षिण कोरिया की ‘न्यू सदर्न कम्यूनिटी नीति’के बीच सहज तालमेल दिखाई देता है। लोकतंत्रों के रूप में, नीतिपरक बाजार व्यवस्थाओं की आकांक्षा रखने वाले और समावेशी, समतामूलक, स्थायी, सुरक्षित और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति सम्मान रखने वाले देशों के रूप में, यह उचित ही है कि हम दोनों मिलकर काम करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक साझेदारों के रूप में हमारे लिए मिलकर बहुत कुछ करने की गुंजाइश मौजूद है। दक्षिण कोरिया की हरित विकास पहल और हमारा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन एक दूसरे के पूरक के तौर पर काम कर सकते हैं। ऐसा होना भी चाहिए। हम एक जलवायु-स्मार्ट विश्व का निर्माण करने में मदद कर सकते हैं। हमें अपनी युवा प्रतिभाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स से लेकर कोरियाई पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद में स्पर्धा और सहयोग के लिए प्रेरित करना चाहिए।

यह विज्ञप्ति 2100 बजे जारी की गई।