भारत के राष्ट्रपति ने 2017 का लोक प्रशासन, शिक्षा और प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए 2017 का 18वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया
राष्ट्रपति भवन : 10.10.2017
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (10 अक्तूबर, 2017) राष्ट्रपति भवन में डॉ. बिन्देश्वर पाठक को वर्ष 2017 का लोकप्रशासन, शिक्षा और प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए 2017 के 18वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि इस अवसर पर हमारे पूर्व प्रधान मंत्री, श्री लाल बहादुर शास्त्री की स्मृतियां ताज़ा हो गईं। वह एक असाधारण नेता थे जो सादे जीवन में विश्वास करते थे और उन्होंने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. बिन्देश्वर पाठक श्री शास्त्री के नाम पर रखे गए इस पुरस्कार के सबसे हकदार व्यक्ति हैं क्योंकि उन्होंने मल ढोने की प्रथा को दूर करने की दिशा में असीम योगदान दिया है। न्यूयॉर्क के मेयर ने डॉ. पाठक के योगदान को ध्यान में रखते हुए 14 अप्रैल, 2016 को ‘डॉ. बिन्देश्वर पाठक अंतरराष्ट्रीय दिवस’ घोषित किया था। उन्होंने 1991 में पद्म भूषण भी प्राप्त किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. बिन्देश्वर पाठक ने समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में योगदान दिया है और महात्मा गांधी, बाबा साहेब अंबेडकर और लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों को व्यवहार में उतारा है। उन्होंने ऐसे बहुमूल्य योगदान करने वाले लोगो के सम्मान के लिए लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान की भी सराहना की।
1995 में दिल्ली में स्थापित लाल बहादुर शास्त्री प्रबंधन संस्थान ने लोक प्रशासन, शिक्षा और प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार आरंभ किया है। प्रत्येक वर्ष इस पुरस्कार से ऐसे भारतीय को सम्मानित किया जाता है जो अपने निरंतर व्यक्तिगत योगदान और उपलब्धियों के लिए एक असाधारण और विशिष्ट कारोबार अग्रणी प्रबंधन व्यवहारकर्ता, लोक प्रशासक, शिक्षाविद या संस्थान निर्माता रही है।
डॉ. बिन्देश्वर पाठक सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक हैं और उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर सुलभ शौचालय प्रणाली के रूप में लोकप्रिय एक किफायती और उपयुक्त शौचालय प्रौद्योगिकी का विकास और कार्यान्वयन किया है।
यह विज्ञप्ति 2010 बजे जारी की गई