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राष्ट्रपति कोविन्द जांबिया में; जांबिया-भारत कारोबार मंच को संबोधित किया; दोनों देशों ने अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रपति भवन: 11.04.2018

भारत के राष्ट्रपति,श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (11अप्रैल, 2018) लुसाका में जांबिया-भारत कारोबार मंच को संबोधित किया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि जांबिया और भारत घनिष्ठ मित्र हैं। इस सुदृढ़ नींव पर निर्मित हमारा द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंध फले-फूले हैं। भारतीय कंपनियों ने विशेषकर खनन, दूरसंचार, ऊर्जा और विनिर्माण में जांबिया में भारी निवेश किया है। परंतु हम बेहतर कर सकते हैं। हमारे कारोबारी क्षेत्र के लिए सामाजिक उद्यमों से लेकर नई प्रौद्योगिकी तक; सामुदायिक परियोजनाओं से राजमार्गों तक और ‘डिजिटल इंडिया’ से ‘स्मार्ट जांबिया’ तक काम करने के अनेक अवसर हैं।

राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारत जांबिया के सबसे बड़े व्यापक साझीदारों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार में पिछले कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। हमें आगे बढ़ते हुए अपनी व्यापार व्याप्ति में बढ़ोत्तरी करनी होगी। उन्होंने सभी हितधारकों अर्थात्, छोटे और मध्यम उद्यमों, वाणिज्य संघों, विशाल कंपनियों, नए उद्यमियों से जांबिया-भारत कारोबार क्षेत्र को विविध और व्यापक बनाने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे कारोबार संबंध दोनों देशों के सामाजिक-आर्थिक बदलावों के मामले में भी प्रतिसंवेदी होने चाहिए। भारत उन कपितय देशों में से एक है जहां लघु और मध्यम उद्यम रोजगार पैदा करते हुए और धन का वितरण सुनिश्चित करते हुए विशाल कंपनियों के साथ-साथ फलते-फूलते हैं। हम जांबिया के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। जांबिया और भारत दोनों को आबादी के युवा होने का लाभ प्राप्त है। हमें स्टार्ट-अप, कौशल, प्रौद्योगिकी और नए विचारों के जरिए अपने युवाओं को जोड़ने की जरूरत है।

आज सुबह, राष्ट्रपति ने लुसाका में एंबेसी पार्क प्रेसिडेंशियल मेमोरियल का दौरा किया और जांबिया के तीन पूर्व राष्ट्रपतियों-फ्रेडरिक शिलुबा, लेवी वानावसा और माइकल साटा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, राष्ट्रपति ने ‘स्टेट हाऊस’ का दौरा किया तथा अपने समकक्ष, जांबिया के राष्ट्रपति, श्री एडगर शग्वा लुंगु के साथ सार्थक और व्यापक विचार-विमर्श किया।

दोनों राष्ट्रपतियों ने द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विनिमय किया। जांबिया के साथ भारत की चिरस्थायी विकास साझेदारी के प्रति वचनबद्धता व्यक्त करते हुए, राष्ट्रपति कोविन्द ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए जांबिया की सराहना की। उन्होंने जांबिया की ओर से समझौते की शीघ्र पुष्टि होने की उम्मीद जताई।

राष्ट्रपति कोविन्द और राष्ट्रपति लुंगु दोहरे कराधान परिहार, न्यायिक सहयोग; अधिकारियों और राजनयिकों के लिए आपसी वीजा छूट; तथा भारत द्वारा जांबिया में बनाए जाने वाले ‘उद्यमिता विकास संस्थान’ पर दोनों देशों के बीच चार समझौतों के हस्ताक्षर के समय उपस्थित थे।

राष्ट्रपति कोविन्द की यात्रा के भाग के रूप में, भारत, लुसाका में महात्मा गांधी कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए रियायती वित्त और सहयोग देने पर भी सैद्धांतिक रूप से सहमत हुआ है। इसके अलावा, भारत ने 3 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की दवाएं और चिकित्सा उपकरण तथा लुसाका के महात्मा गांधी स्कूल को 100,000 अमरीकी डॉलर उपहार में दिए हैं।

बाद में शाम को, राष्ट्रपति जांबिया के प्रथम राष्ट्रपति और लगभग नब्बे वर्षीय राजनेता श्री कैनेथ कौंडा जिनका अफ्रीकी महाद्वीप और भारत में अत्यधिक सम्मान किया जाता है, के आवास पर जाएंगे। राष्ट्रपति जांबिया के राष्ट्रपति द्वारा अपने सम्मान में आयोजित एक राजभोज में भी भाग लेंगे।

कल (10 अप्रैल, 2018) दोपहर में, राष्ट्रपति तीन अफ्रीकी राष्ट्रों-इक्वेटोरियल गिनी, स्वाजीलैंड और जांबिया की अपनी राजकीय यात्रा के अंतिम चरण में कैनेथ कौंडा अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन पर उतरे। जांबिया के राष्ट्रपति और अन्य गणमान्यों ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। बाद में शाम को, राष्ट्रपति ने जांबिया में भारत के उच्चायुक्त श्री एन.जे.गंगटे द्वारा आयोजित भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह में भाग लिया।

बड़ी संख्या में उपस्थित भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उनके योगदान ने एक समुदाय और एक राष्ट्र के रूप में भारत के लिए सद्भावना पैदा करने में मदद की है। समुदाय के सदस्य इस सुदूरवर्ती देश में हमारे हिमायती हैं। उन्होंने भारत की प्रतिष्ठा को संवारने तथा हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को ़कायम रखने के गहन प्रयास किए हैं। यह सराहनीय है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और जांबिया के बीच आर्थिक साझेदारी प्रभावी प्रगति कर रही है। भारतीय कारोबार क्षेत्र जांबिया में एक महत्वपूर्ण निवेशक है और हमारे निवेश ने स्थानीय समुदाय को महत्व देते हुए उनके लिए रोजगार पैदा किए हैं। भारत और जांबिया के बीच एक सजीव सेतु के तौर पर, यह जांबिया के भारतीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह भारत-जांबिया साझीदारी को और भी सार्थक बनाए।

कल (12 अप्रैल, 2018) राष्ट्रपति जांबिया के राष्ट्रपति के साथ मिलकर 93 किमी लंबाई की लुसाका ट्रेफिक डीकन्जेश्चन प्रोजेक्ट पर समारोहिक रूप से कार्यारम्भ करेंगे। यह कार्य एक भारतीय अवसंरचना कंपनी द्वारा किया जा रहा है। राष्ट्रपति कोविन्द लुसाका लौटने और दिल्ली के लिए विमान पर सवार होने से पहले भारतीय समुदाय को संबोधित करने के लिए लिविंगस्टोन भी जाएंगे।

यह विज्ञप्ति 2040 बजे जारी की गई।