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रूस और चीन के विदेश मंत्रियों ने राष्ट्रपति से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 11.12.2017

रूसी परिसंघ के विदेश मंत्री, श्री सर्जेई लावरोव तथा चीन जनवादी गणराज्य के विदेश मंत्री, श्री वांग यी ने आज (11 दिसंबर, 2017) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द से भेंट की।

रूसी विदेश मंत्री और उनके शिष्टमंडल के भारत आगमन पर स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंध मजबूत हैं। इस वर्ष हमारे उच्च स्तरीय संबंधों में तेजी आई है।

राष्ट्रपति को जानकर प्रसन्नता हुई कि भारत और रूस के द्विपक्षीय व्यापार में इस वर्ष की पहली छमाही में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे का शीघ्र चालू होना हमारे द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-रूस के प्रबुद्धजन मंच का संस्थानीकरण, जिसका 4-5 दिसंबर को दिल्ली में दूसरा सत्र आयोजित किया गया था, दोनों देशों के लिए सबसे अधिक मददगार होगा। हमें अपने प्रबुद्धजनों को और शैक्षिक समुदाय को एकजुट करने का प्रयास करते रहना चाहिए।

श्री वांग यी का भारत में स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के 19वें सम्मेलन के सफल समापन पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत को हमारी विकास साझेदारी को और अधिक ऊंचाई पर ले जाने के लिए राष्ट्रपति, शी जिनपिंग और चीनी नेतृत्व के साथ कार्य करने की उम्मीद है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत चीन संबंधों को अपनी विदेश नीति में महत्वपूर्ण मानते हैं। हमारे उच्च स्तरीय आदान-प्रदान और बातचीत गतिशील रहते हैं। हमारा आर्थिक संबंध बढ़ रहा है। हम बहुत से अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग पर भी गौर कर रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व के दो प्रमुख देशों के रूप में द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग का विस्तार करना हमारे आपसी हित में हैं। उन्हें विश्वास था कि भारत और चीन के बहुआयामी रिश्ते आगे बढ़ते रहेंगे और अधिक महत्वपूर्ण होते जाएंगे।

दोनों विदेश मंत्री उस दिन सायं को पंद्रहवीं आरआईसी (रूस-भारत-चीन) की त्रिपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए हुए हैं। विदेश मंत्री, सुषमा स्वराज द्वारा आयोजित बैठक में साझे हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है।

यह विज्ञप्ति 1700 बजे जारी की गई