भारत के राष्ट्रपति ने 93 किमी लंबाई की लुसाका यातायात पर कार्य की समारोहिक शुरुआत की; उन्होने कहा कि आर्थिक सहयोग भारत-जांबिया संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ है
राष्ट्रपति भवन : 12.04.2018
भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द की तीन अफ्रीकी राष्ट्रों-इक्वेटोरियल गिनी, स्वाजीलैंड और जांबिया की राजकीय यात्रा के अंतिम दिन आज (12 अप्रैल, 2018) राष्ट्रपति, श्री कोविन्द तथा जांबिया के राष्ट्रपति, श्री एडगर शग्वा लुंगु ने 93 किमी लंबाई के लुसाका ट्रैफिक डीकन्जेश्चन प्रोजेक्ट पर कार्य की समारोहिक शुरुआत की।
लुसाका ट्रैफिक डीकन्जेश्चन प्रोजेक्ट को भारत सरकार की ओर से काफी अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है तथा इसे एक भारतीय कंपनी ‘एफ्कोन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर’ द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि विकास साझेदारी और आर्थिक सहयोग भारत-जांबिया संबंधों के प्रमुख स्तंभ हैं। उन्हे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दोनों देश ऐसी परियोजनाओं पर मिलकर कार्य कर रहे हैं जिनसे जांबिया के नागरिकों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अपने कार्यक्रमों और नीतियों में जांबियाई सरकार के जन-केंद्रित दृष्टिकोण की भारत सराहना करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व भर के शहरी केन्द्रों में यातायात की भीड़-भाड़ आधुनिक युग की एक चुनौती है। यातायात जाम की आर्थिक लागत तथा यात्रियों केस्वास्थ्य और तंदुरुस्ती पर यातायात की भीड़-भाड़ के अतिरिक्त बोझ के बारे में खूब लिखा जा चुका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जांबिया और भारत के बीच लुसाका परियोजना के परिणाम-स्वरूप, सामाजिक तौर पर प्रासंगिक पहलों पर सहयोग और अधिक बढ़ेगा।
शाम को, राष्ट्रपति ने लिविंगस्टोन की यात्रा की और वहां भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ सतत और सक्रिय संबंध बनाए रखना चाहता है। प्रवासी समुदाय के साथ संवाद का उद्देश्य ऐसी संभावनाएं और मंच उपलब्धकराने का जिनके जरिए प्रवासी भारतीय, भारत में आ रहे बदलाव की जानकारी प्राप्त कर सकें और उसमें भाग ले सकें; तथा इस परिवर्तन को जांबिया की विकास प्राथमिकताओं के साथ जोड़ सकें।
विक्टोरिया जलप्रपात की संक्षिप्त यात्रा के बाद, राष्ट्रपति कोविन्द लुसाका लौट जाएंगे और वहां से दिल्ली के लिए विमान द्वारा प्रस्थान करेंगे। उनके कल (13 अप्रैल, 2018 सुबह भारत पहुंचने की उम्मीद है।
कल (11 अप्रैल, 2018) शाम राष्ट्रपति ने लुसाका में जांबिया के राष्ट्रपति द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक राजभोज में भाग लिया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतांत्रिक शासन, विधि अनुसार शासन, मानव अधिकारों और समावेशी विकास के प्रति भारत और जांबिया की साझी वचनबद्धता है। हमारा आर्थिक सहयोग सही पथ पर है परंतु हम दोनों इस संबंध में और अधिक प्रयास करने के इच्छुक हैं।
राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि जांबिया सरकार की आर्थिक नीतियों से भारतीय कंपनियां प्रोत्साहित हुई हैं। वे जांबियाई जनता और स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी से नए उद्यम सृजित करने के लिए उत्सुक हैं। हमारे द्वारा हस्ताक्षरित दोहरे कराधान परिहार समझौते से हमारे आर्थिक संबंधों में तेजी आएगी। ‘स्मार्ट जांबिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ के माध्यम से बहुत कुछ है जिसे साझा किया जा सकता है; भारतीय विकास गाथा और जांबियाई आर्थिक खूबियों से परस्पर सहायता मिलेगी और लाभ हासिल होगा।
राजभोज से पहले, राष्ट्रपति कोविन्द ने जांबिया के संस्थापक राष्ट्रपति श्री कैनेथ कौंडा से उनके आवास पर भेंट की। 93 वर्षीय श्री कौंडा के साथ एक भावनात्मक मुलाकात में, राष्ट्रपति ने उनकी राजनीतिमत्ता, मानव स्वतंत्रता के लिए संघर्ष तथा भारत व भारतीय लोगों के प्रति मित्रता की सराहना की। दोनों नेताओं ने महात्मा गांधी के बारे में चर्चा की और स्मरण किया कि किस प्रकार वह भारत और जांबिया तथा अफ्रीका के अन्य देशों के लिए एक प्रेरणा-स्रोत थे। राष्ट्रपति कोविन्द ने श्री कौंडा को भारत यात्रा कानिमंत्रण दिया जिसे जांबियाई राजनेता ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।
यह विज्ञप्ति 1845 बजे जारी की गई