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भारत के राष्ट्रपति स्विट्ज़रलैंड पहुंचे; बर्न विश्वविद्यालय में “न्यू एज पार्टनरशिप बिटवीन स्विट्ज़रलैंड एंड इण्डिया” विषय पर व्याख्यान दिया; विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच बृहत्तर सहयोग का आह्वान किया

राष्ट्रपति भवन : 12.09.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द आइसलैंड, स्विटज़रलैंड और स्लोवेनिया की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में कल शाम (11 सितंबर, 2019) स्विटज़रलैंड पहुँचे।

आज सुबह (12 सितंबर, 2019), राष्ट्रपति बर्न विश्वविद्यालय गए, जहां उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों और राजनयिक दल के सदस्यों को संबोधित किया। उनके संबोधन का विषय था- "इण्डिया - स्विटज़रलैंड न्यू एज पार्टनरशिप: कनेक्टिंग आल्प्स विद हिमालया"।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच लंबे समय से लोकतांत्रिक जीवन-मूल्यों, बहुलवाद और उद्यमों के क्षेत्र में साझेदारी की भावना रही है। भारत और स्विट्जरलैंड दोनों ही देशों की ओर दुनिया प्रशंसा भरी दृष्टि से देखती है। स्विटज़रलैंड दुनिया के प्राचीनतम लोकतांत्रिक देशों में से एक है, जहाँ 2000 से अधिक समुदाय लोकतांत्रिक तरीके से साथ मिलकर काम करते हैं। और 90 करोड़ मतदाताओं के साथ भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैत्री संधि पर हस्ताक्षर करने से बहुत पहले ही भारत-स्विट्जरलैंड के समृद्ध सांस्कृतिक जुड़ाव के कारण, हमारे द्विपक्षीय सहयोग का आधार तैयार था। आज, भारत में 250 से अधिक स्विस कंपनियां संचालित की जा रही हैं और ज्यूरिख, बेसेल और बर्न में भारत की अग्रणी प्रौद्योगिकी फर्मों और नवाचार की बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। हमारे सहकार के लिए और आपसी संबंधों को मजबूत करने के अपार अवसर मौजूद हैं।

भारत और स्विट्जरलैंड के बीच सहयोग के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र हमारे संबंधों की धुरी बनते जा रहे हैं। भारत और स्विट्जरलैंड की 80 वैज्ञानिक संस्थाएं और 300 शोधकर्ता संयुक्त कार्यक्रमों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि स्विट्जरलैंड नवाचार के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश है। भारत भी स्टार्ट-अप और स्मार्ट समाधान के क्षेत्र में नई कुलांचें भर रहा है। भारत में आज रोबोटिक्स से लेकर विटिलिगो तक के विविध विषयों पर काम करने वाले 21,000 से अधिक उद्यम काम कर रहे हैं जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप नेटवर्क वाला देश बन गया है। कई स्विस और भारतीय स्टार्ट-अप, जलवायु परिवर्तन, मानव स्वास्थ्य के साथ और भी कई क्षेत्रों में समाधान उपलब्ध कराने के लिए साझेदारी में काम कर रहे हैं। भारत स्विट्जरलैंड के साथ इस तरह की कई और साझेदारियों के लिए तत्पर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने 100 स्मार्ट शहरों के निर्माण का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम तैयार किया है। ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ में स्विट्ज़रलैंड की विशेषज्ञता और संसाधन दक्ष तकनीकी ज्ञान से हमें यह जानने में सहायता मिलेगी कि कैसे लम्बे टिकाउ शहरी सुविधाओं का निर्माण किया जाए, हमारी नदियों को कैसे साफ किया जाए और हम भोजन को किस प्रकार प्रसंस्कृत करें। स्विट्जरलैंड की स्वच्छ प्रौद्योगिकी और भारत की हरित ऊर्जा आवश्यकताएं एक-दूसरे के लिए बहुत उपयुक्त हैं। आज, भारत दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रमों में से एक का संचालन कर रहा है। हमारा लक्ष्य, वर्ष 2022 तक 175 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में दुनिया की करीब 20 प्रतिशत आबादी रहती है, जबकि दुनिया का लगभग 4 प्रतिशत नवीकरणीय जल संसाधन ही हमारे यहां मौजूद हैं। हम जल संरक्षण के पारंपरिक तरीकों को पुनर्जीवित कर रहे हैं और सतह बहाव के रूप में पानी की बरबादी को कम करने के लिए आधुनिक नवाचारों को अपना रहे हैं। नए राष्ट्रीय जल मिशन - जल जीवन अभियान में 2024 तक 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश से, लगभग 14.6 करोड़ घरों में स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध कराने का हमारा लक्ष्य है। इस मिशन से भारत-स्विस सहयोग के नए अवसर पैदा होंगे। भारत जल प्रशासन, जल उपयोग दक्षता और अपशिष्ट जल के उपचार में स्विट्जरलैंड का सहयोग चाहता है।

आज शाम, राष्ट्रपति बर्न में, स्विट्जरलैंड में भारत के राजदूत, श्री सिबी जॉर्ज द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय और भारत मित्रों को संबोधित करेंगे।