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‘राज्यों में उच्चतर शिक्षा’ तथा ‘कौशल विकास और उद्यमिता-युवाओं को रोजगार योग्य बनाना’ पर प्रस्तुतियों और परिचर्चा के साथ राज्यपालों के सम्मेलन का प्रथम दिवस संपन्न हुआ

राष्ट्रपति भवन : 12.10.2017

‘राज्यों में उच्चतर शिक्षा’ तथा ‘कौशल विकास और उद्यमिता-युवाओं को रोजगार योग्य बनाना’ पर प्रस्तुतियों और परिचर्चा के साथ ही आज(12 अक्तूबर, 2017) राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों/उपराज्यपालों के 48वें सम्मेलन का प्रथम दिन संपन्न हुआ। मानव संसाधन विकास मंत्री, श्री प्रकाश जावड़ेकर और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यसूची के मुद्दों पर विचार व्यक्त करने के लिए संकल्पना और रूपरेखा शामिल करते हुए प्रस्तुतियां दीं। राज्यपालों ने भी अपनी प्रतिक्रिया और विचार व्यक्त किए तथा अपने राज्यों के अनुभवों के बारे में बताया।

सम्मेलन की कार्यसूची में ‘नया भारत- 2022’प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय मिशन शामिल किया गया है। भारत 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लेगा। केंद्र सरकार ने ‘नया भारत, 2022’ के लिए एक संकल्पना बनाई है जिसके लिए नागरिकों की शैक्षिक स्वास्थ्य और स्वच्छता क्षमता तथा बुनियादी ढांचे को बढ़ाते हुए शिक्षा और कौशल निर्माण की जरूरत होगी। इसके अलावा सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच बेहतर पहुंच और गुणवत्ता भी शामिल की गई है।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 27 राज्यपाल और 3 उपराज्यपाल सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। दादर और नगर हवेली तथा दमन और दीव और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक विशेष रूप से आमंत्रित हैं। उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, गृह मंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी आज सम्मेलन में भाग लिया।

दिन की शुरुआत में सम्मेलन के अपने प्रारंभिक उद्बोधन में राष्ट्रपति, रामनाथ कोविन्द ने कहा कि युवाओं को राष्ट्रनिर्माण की प्रक्रिया के साथ जोड़ना आवश्यक है। राज्यों के स्तर पर उच्च शिक्षा और कौशल विकास की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रतिभागियों को संबोधित करते, हुए राष्ट्रपति ने नागरिकों पर विश्वास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नागरिकों पर विश्वास करने के इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों से आग्रह करते हुए वर्तमान में पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए व्यक्ति द्वारा दस्तावेजों के आत्मसत्यापन और सरल प्रणाली के उदाहरण दिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश के प्रत्येक भाग के विकास के संदर्भ में संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची के जनजातीय और स्वदेशी समुदायों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार हो पाएगा जब प्रत्येक राज्य विकसित होगा।

राष्ट्रपति के बाद, सम्मेलन में राज्यपालों में सबसे वरिष्ठ आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल, श्री ईएसएल नरसिंह्मन ने ऊर्जा और प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य और सतत विकास तक विकास की अनेक चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया।

प्रथम सत्र को प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया। 2022 तक नए भारत के मिशन को पूरा करने के संबंध में प्रधान मंत्री ने बल दिया कि व्यापक जनभागीदारी से इसे पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नए प्रौद्योगिकी के लिए नवान्वेषण को प्रोत्साहित करना ही नहीं बल्कि स्थायी समस्याओं के समाधान ढूंढना भी जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ विस्तृत बातचीत करने के लिए राज्यपालों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को नवान्वेषण के केंद्र बनना चाहिए। उन्होंने वे सुझाव दिया कि अपने राज्यों, विशेषकर युवाओं और विश्वविद्यालय नेटवर्क को एक ऐसा खेल (क्रिकेट को छोड़कर) अपनाने के लिए प्रेरित करें जिसमें राज्य की क्षमता हो और वह उसमें उत्कृष्टता पैदा करने का प्रयास करें। नए भारत-2022 के पहलुओं पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष, डॉ. राजीव कुमार ने एक प्रस्तुति दी उन्होंने कहा कि एक स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित भारत पर बल देना होगा तथा शासन, और अधिक पारदर्शिता तथा अधिक जवाबदेही के नए मापदण्ड बनाने होंगे।

मध्याह्न से पूर्व सत्र में, परिचर्चा दो अलग-अलग समूहों में की गई। पहले समूह में ‘नए भारत 2022 के लिए आधारभूत ढांचा’ विषय पर परिचर्चा करने वाले निम्नवत प्रतिभागी थे।

राज्यों के राज्यपाल

श्री ईएसएल नरसिह्मन, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के राज्यपाल

श्री एस.सी. जमीर, उड़ीसा के राज्यपाल

डॉ. के.के. पॉल, उत्तराखंड के राज्यपाल

श्री श्रीनिवास दादासाहेब पाटिल, सिक्किम के राज्यपाल

श्री केशरीनाथ त्रिपाठी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल

श्री बलरामजी दास टंडन, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल

श्री कल्याण सिंह, राजस्थान के राज्यपाल

श्री तथागत रॉय, त्रिपुरा के राज्यपाल

डॉ. नजमा ए. हेपतुल्ला, मणिपुर की राज्यपाल

श्री बनवारीलाल पुरोहित, तमिलनाडु के राज्यपाल

श्री वी.पी. सिंह बदनोर, पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक

श्री सत्यपाल मलिक, बिहार के राज्यपाल

प्रो. जगदीश मुखी, असम के राज्यपाल

केंद्रीय मंत्री

श्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री

श्री नितिन जयराम गडकरी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री; नौवहन मंत्री; जल संसाधन मंत्री; नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री

डॉ. जितेन्द्र सिंह, पूर्वोत्तर विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री; परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री; अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री

श्री हरदीप सिंह पुरी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय

नीति आयोग

डॉ. राजीव कुमार, उपाध्यक्ष, नीति आयोग

केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल

श्री अनिल बैजल, दिल्ली के उपराज्यपाल

एडमिरल (रिटायर्ड) देवेन्द्र कुमार जोशी, पीवीएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम,एनएम, वीएसएम, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल

केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक (विशेष आमंत्रित व्यक्ति)

श्री प्रफुल्ल पटेल, केंद्र शासित प्रदेश, दादर नगर हवेली और दमन एवं दीव के प्रशासक

‘नए भारत- 2022के लिए जनसेवा’ विषय पर विचार-विमर्श करने वाले दूसरे समूह में शामिल थेः

राज्यों के राज्यपाल

श्री एन.एन. वोहरा, जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल

ले. जनरल (रिटा.) निर्भय शर्मा, मिजोरम के राज्यपाल

श्री ओम प्रकाश कोहली, गुजरात के राज्यपाल और मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार

श्री पद्मनाभा बालकृष्णन आचार्य, नागालैंड के राज्यपाल

श्री राम नाईक, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल

श्री कप्तान सिंह, हरियाणा के राज्यपाल

श्री चेन्नामनेनी विद्यासागर राव, महाराष्ट्र के राज्यपाल

श्रीमती मृदुला सिंहा, गोवा की राज्यपाल

श्री वाजुभाई रुदाभाई वाला, कर्नाटक के राज्यपाल

श्री न्यायमूर्ति (रिटा.) पलानीसामी सतासिवम, केरल के राज्यपाल

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, झारखंड की राज्यपाल

आचार्य देवव्रत, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल

ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (रिटा.) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल

श्री गंगा प्रसाद, मेघालय के राज्यपाल

केंद्रीय मंत्री

श्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री

श्री रवि शंकर प्रसाद, विधि और न्याय मंत्री तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना तकनीकी मंत्री

श्री जगत प्रसाद नड्डा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री

श्री राधा मोहन सिंह, कृषि और किसान कल्याण मंत्री

श्री प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास मंत्री

श्री धर्मेंद्र प्रधान, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री

नीति आयोग

श्री अमिताभ कांत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नीति आयोग

केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल

डॉ. किरण बेदी, पुदुचेरी की उपराज्यपाल

केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक (विशेष आमंत्रित)

श्री फारूक खान, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासक

सम्मेलन के तीसरे सत्र में कल (13 अक्तूबर, 2017) राज्यपाल अपने अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित मुद्दों पर संक्षिप्त विचार प्रस्तुत करेंगे। समापन सत्र में परिचर्चाओं पर एक लघु रिपोर्ट संबंधित संयोजकों द्वारा प्रस्तुत की जाएगी।

यह विज्ञप्ति 1920 बजे जारी की गई