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भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सेवा और भारतीय व्यापार सेवा के परिवीक्षाधीनों ने राष्ट्रपति से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 13.11.2017

आज (13 नवम्बर, 2017) भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सेवा और भारतीय व्यापार सेवा के परिवीक्षाधीनों के समूहों ने राष्ट्रपति से भेंट की।

परिवीक्षाधीनों के दोनों समूहों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनका चयन एक व्यक्तिगत उपलब्धि है और उन पर भविष्य में जनसेवा की जिम्मेदारी है। वे अपने तरीके से 130 करोड़ लोगों की सेवा करेंगे और इन सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे ताकि भारत मजबूत और सुरक्षित बनेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि रक्षा संबंधी चुनौतियां बहुत सारी हैं और हमें किसी भी समय किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तत्पर रहना होगा। भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सेवा हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा में सीधा योगदान देती है। भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सेवा अधिकारियों को गर्व होना चाहिए कि वे हमारे सैनिकों को हथियार, गोला बारूद और उपकरण प्रदान करने वाली ऑर्डिनेंस फैक्टियों का प्रबंधन करेंगे जिससे हमारे देश की रक्षा हो सकेगी। ऑर्डिनेंस फैक्टियों के प्रबंधकों के रूप में, ये अधिकारी भारत के रक्षा तैयारी के लिए जिम्मेदार होंगे। राष्ट्रपति ने उनसे एक ऐसी नवान्वेषण भावना विकसित करने के लिए कहा जिससे वे ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को अत्यावश्यक आधुनिकीकरण की दिशा में ले जा सकें।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसी देश की ताकत केवल रक्षा बलों के सशक्त होने से ही नहीं आंकी जाती बल्कि उसकी आर्थिक स्थिति की मजबूती से भी आंकी जाती है। आज अर्थव्यवस्थाएं एकीकृत विश्व में कार्य कर रही हैं जहां राष्ट्र, वैश्विक व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए परस्पर स्पर्धा कर रहे हैं। जबकि पिछले दो दशकों में हमने व्यापार संवर्धन में बहुत अच्छा कार्य किया है, अभी बहुत कुछ करना शेष है। अठ्ठारहवीं सदी के मध्य में, दुनिया के कुल औद्योगिक उत्पादन में से लगभग एक चौथाई उत्पादन भारत में होता था। विश्व व्यापार में भारत की बड़ी हिस्सेदारी थी। आज विश्व व्यापार में हमारी हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय व्यापार सेवा अधिकारी यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएंगे कि हमारा देश विश्व व्यापार व्यवस्था में अपनी मजबूत दर्जा दोबारा हासिल करे। अधिकारियों के रूप में उनकी भूमिका अब व्यापार विनिमय की ही नहीं होनी चाहिए बल्कि उन्हें एक व्यापार सुविधा प्रदायक के रूप में उभरना चाहिए। अर्थशास्त्र के ज्ञान और व्यापार ऑपरेशनों की बारीकियों के साथ आप हमारे व्यापार समझौतों को और बेहतर बना सकते हैं, व्यापार प्रोत्साहन के लिए नीतियों में सुझाव दे सकते हैं और व्यापार से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल बनाने की पहल कर सकते हैं।

राष्ट्रपति ने परिवीक्षाधीनों को आशान्वित जीवन जीने तथा अपने कार्य क्षेत्र तथा समूचे समाज दोनों में सकारात्मक बदलाव लाने की सलाह दी। उन्होंने परिवीक्षाधीनों को किसी भी प्रलोभन से बचने तथा ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ देश की सेवा करने की भी सलाह दी।

यह विज्ञप्ति 1845 बजे जारी की गई