भारत के राष्ट्रपति ने आर्थिक लोकतंत्र बैठक का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन : 14.01.2018
भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ काविन्द ने आज (14जनवरी, 2018 ) ठाणे,महाराष्ट्र में रामबाहु म्हालगी प्रबोधिनी द्वारा आयोजित ‘आर्थिक लोकतंत्र बैठक’का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश और समाज के लिए उद्यमशीलता के माध्यम से आर्थिक लोकतंत्र को मजबूत बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने पिछले35 वर्षों से हमारे लाकतंत्र के राजनीति,आर्थिक और सामजिक आयामों को सशक्त बनाने में योगदान देने के लिए प्रबोधिनी टीम को बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीतिक लोकतंत्र आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र की अनुपस्थिति में मजबूत नहीं हो सकता। वंचित वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार बहुत जरूरी है। हमारे देश में‘सबका साथ,सबका विकास’ और‘सबका सम्मान,सबका उत्थान’ के लक्ष्य से अनेक पहल की गई हैं। इनका एकमात्र लक्ष्य आर्थिक और सामजिक लोकतंत्र को मजबूत बनाना है। इन कार्यक्रमों के पीछे यह विचार है कि यदि किसी व्यक्ति को वास्तव में किसी और की मदद करनी है तो उसे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में उद्यमिता संस्कृति को बढ़ावा देना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। परिवार,शिक्षा संस्थाओं, निजी क्षेत्र के बैंकों और उद्यमियों,गैर सरकारी संगठनों सभी की एक ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी है जिसमें निजी उद्यम को प्रोत्साहन मिले। हमें मिलकर एक ऐसी संस्कृति बनानी चाहिए जिसमें बेरोजगारी के दबाव में स्वरोजगार का चुनाव न किया जाए। रोजगार ढूंढने वाले की बजाय रोजगार देने वाला बनना चाहिए।
बाद में, राष्ट्रपति ने मुंबई में ग्लोबल विपासना पगोडा की यात्रा की।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान विश्व में,बुद्ध की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार आवश्यक हो गया है। विपासना एक ऐसी पद्धति है जो लोगों तक अपना संदेश पहुंचा सकती है। राष्ट्रपति ने अनेक सामाजिक कल्याण पहल के लिए ग्लोबल विपासना फाउंडेशन को बधाई दी।
यह विज्ञप्ति 1540 बजे जारी की गई