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भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय लागत लेखाकार संस्थान के प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन किया; उन्होंने कहा कि लागत लेखाकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उत्पाद और सेवाएं गुणवत्ता से समझौता किए बिना प्रतिस्‍पर्धी मूल्‍य पर उपलब्ध हों

राष्ट्रपति भवन : 14.07.2018

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्‍द ने आज (14 जुलाई, 2018) नई दिल्ली में भारतीय लागत लेखाकार संस्थानके प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि लागत लेखाकार, विशेषकर विनिर्माण में प्रक्रियाओं तथा पूंजी उपयोग की दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लागत लेखाकार किसी कारोबारी संगठन केतीन ‘एम’के सर्वोत्तम प्रबंधक होते हैं। ये हैं:- वहां काम करने वाले महिला और पुरुष (men and women),आगमों के रूप में सामग्रियों (materials) का उपयोग; तथा प्रसंस्करण, निर्माण और सृजन के लिए लगाई गई मशीनें (machines)। आने वाले दशक मेंवैश्विक विनिर्माण का विकास होने तथा‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के परिपक्व होने पर भारत में विनिर्माण तेज होगा।उस समय लागत लेखाकारों की भूमिका अपेक्षाकृत और बढ़ जाएगी। यह सुनिश्चित करना लागत लेखाकारों कादायित्व होगा कि उत्पादों और सेवाओं को, गुणवत्ता से समझौता किए बिना प्रतिस्पर्धी मूल्‍य पर उपलब्ध करवाया जाए।

राष्ट्रपति ने कहा कि लागत लेखाकारों को यह सुनिश्चित करना है कि उत्‍पादन प्रक्रिया में से निरर्थक कार्यकलापों और लागतों को समाप्‍त किया जाए। लागत लेखाकारों का कार्य अपरिहार्य लागतों को कम करने के लिए प्रक्रियाओं और प्रणालियों के नवाचार और सुधार तथा निवेश किए गए प्रत्येक रुपए को और अधिक लाभकारी बनाने में मदद करने का है। लागत लेखाकारों को हमारे कारोबार परिदृश्‍य में यदाकदा उभरने वाले ऊपरी दिखावे को कम करने में सहायता करनी है। इन सभी से भारत को विश्व स्तरीय उत्पादों के, कम लागत वाले और प्रतिस्‍पर्धी विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करनेके राष्ट्रीय प्रयास को मजबूती मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे हमारी अर्थव्यवस्थाबढ़ रही है, उन्हें उम्मीद है कि जताई कि लागत लेखाकारों की मांग में और तेजी आएगी। यह मांग केवल कॉरपोरेट क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सरकारी संगठनों में भी बढ़ेगी। राज्य सरकारें तथा केन्‍द्र सरकार के मंत्रालय और विभाग खर्च और लागत को तर्कसंगत बनाने का प्रयास कर रहे हैं।भारतीय लागत लेखाकार संस्थान द्वारा प्रवर्तित सेक्शन 8 कंपनी ने भारतीय रेल की मौजूदा लागत प्रणाली के अध्ययन के लिए तथा और अधिक कुशलता के लिए सुधारों के बारे में सुझाव देने के लिए भारतीय रेल के साथ एक सहमति-पत्र पर हस्‍ताक्षर किए हैं। आने वाले दिनों में इस ज्ञान का प्रयोग, रक्षा अभिग्रहणों सहित अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है।

यह विज्ञप्ति 1315 बजे जारी की गई।