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भारत के राष्ट्रपति ने स्विटज़रलैंड के विलन्यव में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया

राष्ट्रपति भवन : 14.09.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने कंतन वूद के महापौर और अध्यक्ष तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आज (14 सितंबर, 2019) स्विटज़रलैंड के विलन्यव में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन से हमें अनेक शिक्षाएं मिलती हैं। उन्होंने भारत में अपने पहले आश्रम का निर्माण साबरमती नदी के तट पर किया था। आज, हम उन्हें जिनेवा झील के तट पर भी ले आए हैं। यह एक ऐसे व्यक्ति के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है जो सही मायने में प्रकृति प्रेमी थे और जो प्रकृति का बहुत ध्यान रखते थे। उनकी विरासत से हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने और अपने पर्यावरण के संरक्षण के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी मानवता की एकता में विश्वास करते थे। उन्होंने सभी संस्कृतियों और सभी लोगों को गले लगाया। विविधता के प्रति गहरा सम्मान रखने वाले लोकतांत्रिक देशों के रूप में, सभी के जीवन में शांति और खुशहाली लाने की लिए हमारी साझा यात्रा में महात्मा गांधी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

कल, राष्ट्रपति ने स्विस परिसंघ के अध्यक्ष उएली मौरो के साथ शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया और इनके समक्ष दोनों देशों के बीच सहमति पत्रों/समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया। उन्होंने भारत-स्विटज़रलैंड बिजनेस राउंडटेबल को भी संबोधित किया।

शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता के दौरान, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर चुनौती है। राष्ट्रपति कोविन्द ने अवगत कराया कि भारत दशकों से राज्य-प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। स्विस पक्ष ने हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि भारत और स्विटज़रलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों का मुख्य आधार व्यापार और आर्थिक संबंध हैं। स्विटज़रलैंड यूरोप में भारत का सबसे बड़ा निर्यातक है। हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 19 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। उन्होंने कहा कि भारत अपने व्यापारिक संबंधों को और अधिक विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

दोनों पक्षों ने सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के तंत्र के तहत ‘कर मामलों’पर जानकारी साझा करने पर भी चर्चा की। सूचना साझा करने का कार्य इस महीने के अंत में शुरू होने वाला है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपनी कौशल भागीदारी को बढ़ाने और स्विटज़रलैंड की व्यावसायिक शिक्षा प्रणाली से और अधिक सीखने का इच्छुक है। भारत चौथी पीढ़ी के उद्योग, जैव प्रौद्योगिकी, जीवन, विज्ञान, दूरसंचार, रेलवे बुनियादी ढांचा क्षेत्र, विमानन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में स्विटज़रलैंड के साथ साझेदारी करने का भी इच्छुक है।

भारत और स्विटज़रलैंड ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग के लिए; विज्ञान और नवाचार में भारत-स्विटज़रलैंड गठबंधन के निर्माण के आशय-पत्र पर; और लॉज़ेन विश्वविद्यालय में हिन्दी अध्ययन पीठ के नवीकरण के लिए समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए।

बिज़नेस राउंडटेबल को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि स्विटज़रलैंड हाई-एंड प्रौद्योगिकी का केन्द्र है और भारत विश्व स्तर की मानव-पूंजी तैयार कर रहा है। भारत फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य-चर्या सेवाओं, सूचना प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, ऑटोमोबाइल्स, अंतरिक्ष विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित है। हमारे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं बहुत हद तक दूसरे की पूरक हैं। एक-दूसरे के हित में पूंजी, प्रौद्योगिकी, विज्ञान और कौशल में अपनी-अपनी उन्नत उपलब्धियों को जोड़कर आगे बढ़ने की बहुत गुंजाइश है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्मार्ट सिटी’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों में स्विट्जरलैण्ड ने हिस्सा लिया है। अपने बदलाव और अपने विकास में और निवेश के लिए तथा साथ मिलकर चलने के लिए स्विस कंपनियों का हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने देश भर में निवेश के अवसरों को रेखांकित करने हेतु एक ऑनलाइन पोर्टल, ‘इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड’ की स्थापना की है। उन्होंने स्विस कंपनियों से कहा कि वे इस पोर्टल को अवश्य देखें।

कल (15 सितंबर, 2019), राष्ट्रपति, तीन देशों की अपनी राजकीय यात्रा के अंतिम चरण में स्लोवेनिया के लिए रवाना होंगे।