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एनडीसी के 57वें कोर्स के संकाय और कोर्स के सदस्यों ने राष्ट्रपति से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 14.11.2017

एनडीसी के 57वें कोर्स के संकाय और कोर्स के सदस्यों ने आज (14 नवम्बर, 2017) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द से भेंट की।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हम एक चुनौतीपूर्ण और गतिशील वैश्विक वातावरण में रहते हैं। सुरक्षा और रक्षा की मूल अवधारणा में हमारी आखों के सामने बदलाव आ रहा है। यह अब क्षेत्रीय अखण्डता तक सीमित नहीं है। आज सुरक्षा के विचार में आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा तथा खाद्य, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति चिन्ता भी शामिल है। सुरक्षा का भविष्य न्यूक्लीयर प्रसार की रोकथाम में जितना अधिक है उतना ही इंटरनेट और डाटा सुरक्षा के जुड़ाव में भी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इन क्षेत्रों में प्रत्येक क्षेत्र को विशिष्टीकरण और विश्लेषण की आवश्यकता है और फिर भी वे परस्पर जुड़े हुए हैं। उनके लिए हमारी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की समेकित दृष्टिकोंण की आवश्यकता और सीखने और ज्ञान को अद्यतन करने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और इसके पड़ोसी देश और विशाल एशियाई महादीप अनेक सुरक्षा धमकियों और खतरों की स्थितियों से घिरे हुए हैं जो वैश्विक महत्त्व के हैं। उग्रवाद और हिंसात्मक आतंकवाद सामान्य चुनौतियां हैं। ये चुनौतियां राष्ट्र आधारित और अव्यवस्थित हैं। यह भी सार्वभौमीकरण और तकनीकी क्रांति सहित, एशिया के 21वीं सदी की अर्थ व्यवस्था के एक केन्द्र के रूप में उभर कर आया है। इस आर्थिक उत्थान की सुरक्षा में और इसे अस्थिर करने के प्रयास की रोकथाम में आनेवाले वर्षों में बहुत महत्वपूर्ण कार्य होगा। प्रत्येक क्षेत्र में-समुद्रीय क्षेत्र से साइबर स्पेस तक सभी क्षेत्रों में जोखिम आते रहेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में एक रणनीतिक संस्कृति को बढ़ाने के लिए यह महत्तवपूर्ण है।एनडीसी कोर्स में सभी भागीदार देशों ने अपना प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एनडीसी के पूर्वछात्र आने वाले वर्षों में सुरक्षा के बहुआयामी दृष्टिकोण की समझ को मज़बूत करने की दिशा में योगदान देंगे।

यह विज्ञप्ति 1815 बजे जारी की गई