भारत के राष्ट्रपति महाराष्ट्र में; सेवाओं पर चौथी वैश्विक सेवा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया; उन्होंने कहा कि भारत का विशाल प्रतिभा समूह इसे सेवाओं में स्वाभाविक बढ़त प्रदान करता है
राष्ट्रपति भवन : 15.05.2018
भारत के राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द ने आज (15 मई, 2018) मुंबई में चौथी वैश्विक सेवा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और "12 चैंपियन सेक्टर इन सर्विसिज” पर एक पोर्टल की शुरुआत की।
इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने इस वैश्विक प्रदर्शनी में भाग ले रहे लगभग 100 देशों के करीब 500 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने इस पहल के लिए भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा महाराष्ट्र सरकार, भारतीय उद्योग परिसंघ तथा सेवा निर्यात संवर्धन परिषद् की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे भारतीय सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक सेवा क्षेत्र के साथ भारत का संबंध विस्तृत और गहरा होगा। उन्होंने कहा कि 12 चैंपियन सेक्टर की शुरुआत एक नया साहसिक कदम है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था दोनों में योगदान मिलेगा और रोजगार पैदा होंगे।
राष्ट्रपति ने कहाकि सेवा क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक ऊर्जावान और विस्तारित होता जा रहा क्षेत्र है। आज सेवा क्षेत्र रोजगार, मूल्य संवर्धन, उत्पादकता और नवाचार में छाया हुआ है। प्रौद्योगिकी में तेजी से कृषि, अवसंरचना और विनिर्माण सहित अन्य क्षेत्रों में सेवाओं का योगदान सघन होता जा रहा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सेवाएं 21वीं सदी की वैश्विक अर्थव्यवस्था का आधार हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के सेवा क्षेत्र का कुल मूल्य संवर्धन में 61 प्रतिशत हिस्सा है। अपनी युवा आबादी, विशाल प्रतिभा समूह और प्रौद्योगिकी में सहजता के कारण भारत की इस क्षेत्र में स्वाभाविक बढ़त है और वह विश्व में और बड़ा प्रदाता बनने जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आरंभिक औद्योगिक युग तथा पारंपरिक विनिर्माण अर्थव्यवस्था सेफैक्ट्रियों में नौकरियां सृजित हुईं तथा सहायक इकाइयों और कार्यशालाओं के रूप में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन प्राप्त हुआ। आज हम सेवा क्षेत्र में छोटे-छोटे परंतु दिलचस्प "स्टार्ट अप” उपक्रमों की उम्मीद कर रहे हैं। प्रौद्योगिकीएक महत्वपूर्ण परिचालक के रूप में उभरी है और इससे स्थानीय सेवा कंपनियां राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर पहुंची हैं। इसने भारत, जो विश्व में स्टार्टअप उपक्रमों का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र है, में तत्परता और महत्वाकांक्षा से भरे युवा पुरुष और महिला उद्यमियों की एक पीढ़ी तैयार कर दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि "स्टार्टअप इंडिया” और "मुद्रा योजना” जैसे सरकारी कार्यक्रमों, जिन्होंने जमीनी स्तर के 12 करोड़ कारोबारों को पूंजी प्रदान की है, ने अधिकांशत: सेवाओं में उद्यमिता की संस्कृति को प्रेरित किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इनमें से कुछ स्टार्ट अप आने वाले वर्षों और दशकों में विशालकाय उपक्रम बन जाएंगे।
यह विज्ञप्ति 1300 बजे जारी की गई