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भारत के राष्ट्रपति स्लोवेनिया पहुंचे; उन्होंने द्विपक्षीय बैठक में भाग लिया; शिष्टमण्डल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया

राष्ट्रपति भवन : 16.09.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में कल (15 सितंबर, 2019) स्लोवेनिया के लुबल्याना पहुंचे। भारत के किसी राष्ट्रपति की स्लोवेनिया की यह पहली यात्रा है।

आज (16 सितंबर, 2019), राष्ट्रपति ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत कांग्रेस स्क्वायर की यात्रा के साथ की, जहां स्लोवेनिया के राष्ट्रपति, बोरुत पाहोर ने उनकी अगवानी की और उनका समाहोरिक स्वागत किया। दोनों देशों के राष्ट्रपतियों ने ‘विक्टिम्स ऑफ ऑल वॉर्स’ स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

बाद में, राष्ट्रपति पाहोर के साथ हुई परस्पर चर्चा के दौरान, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भारत की ओर से स्लोवेनिया की पहली राजकीय यात्रा पर आने पर प्रसन्नता हुई है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच विविध मुद्दों पर संभावित सहयोग पर चर्चा की।

इसके बाद, राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच शिष्टमंडल स्तरीय वार्ता का नेतृत्व किया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत और स्लोवेनिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ने लगा है और भारत व स्लोवेनिया की कंपनियां को परस्पर व्यापार के नए अवसर प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे व्यापार के दायरे में विविधता लाकर द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की प्रगति और स्लोवेनिया की प्रौद्योगिकी व विनिर्माण क्षमता एक दूसरे की पूरक हैं। भारत का लक्ष्य 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का है। उच्च प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से स्वच्छ प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। स्टार्ट-अप और नवाचार के क्षेत्र में भी अवसर मौजूद हैं। स्लोवेनिया ने रक्षा क्षेत्र में विशिष्ट प्रौद्योगिकी विकसित की है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा उपकरणों तथा स्वच्छ जल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में यह देश अग्रणी है।

बहुपक्षीय मंचों में भारत-स्लोवेनिया संबंधों की ओर इशारा करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए स्लोवेनिया के समर्थन को भारत बहुत महत्व देता है। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय संस्थानों को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है और हमें इस मुद्दे पर साथ मिलकर काम करना चाहिए। राष्ट्रपति कोविन्द ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए स्लोवेनिया के समर्थन के लिए राष्ट्रपति पाहोर को धन्यवाद दिया और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए उनके निरंतर समर्थन की मांग की।

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के मुद्दे पर बात करते हुए, राष्ट्रपति ने स्लोवेनिया से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के भारत के प्रयासों को मजबूती प्रदान करने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद हमारे सामने उपस्थित सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद से जुड़ी प्रमुख समस्याओं के मुद्दों पर भारत के पक्ष को समझने और इसका समर्थन करने के लिए स्लोवेनिया को धन्यवाद दिया। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि आतंकवाद आज मानवता के समक्ष उपस्थित सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और इन अनिष्टकारी ताकतों को परास्त करने और नष्ट करने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ आना चाहिए।

भारत और स्लोवेनिया ने दोनों राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में निवेश, खेल, संस्कृति, नदी संरक्षण (स्वच्छ गंगा अभियान), विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा मानकों के क्षेत्र में सात सहमति-पत्रों और सहयोग कार्यक्रमों पर हस्ताक्षर किए और उनका आदान-प्रदान किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविन्द द्वारा दिया गया प्रेस वक्तव्य संलग्न है।

बाद में, राष्ट्रपति ने दोपहर के भोजन पर लुबल्याना कैसल में स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री मार्यन सारेत्स से भेंटवार्ता की। बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने अनेक द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

बाद में शाम को, राष्ट्रपति भारत-स्लोवेनिया व्यापार कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और स्लोवेनिया के राष्ट्रपति द्वारा उनके सम्मान में आयोजित राज-भोज में भी शामिल होंगे।