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भारत के राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त भवन परिसर का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 17.07.2019

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (17 जुलाई, 2019) नई दिल्ली में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त भवन परिसर का उद्घाटन किया। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के 100 निर्णयों के विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद की प्रति भी प्राप्त की।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि नौ भारतीय भाषाओं में 100 निर्णयों का अनुवाद किया जाना एक अच्छी शुरुआत है। उन्होंने आगे कहा कि इस कार्य में श्रम कानूनों, उपभोक्ता संरक्षण, कुटुम्ब और स्वीय विधियों, भूमि अधिग्रहण तथा किराये के विवादों और इसी तरह के क्षेत्रों से संबंधित निर्णयों को प्राथमिकता दी गई है - क्योंकि ये समस्याएं आम लोगों से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्यक्षेत्र केवल उपयोगितावादी उद्देश्यों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के अधिक से अधिक निर्णय प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हों। आदर्श स्थिति तो यह होगी कि इसमें महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों पर दिए गए निर्णय शामिल होने चाहिए। उन्होंने कहा कि शुरुआत में, यह पहल पक्षकारों के लिए वरदान होगी - लेकिन अंततः यह हमारे पूरे देश में कानूनी बारीकियों की समझ और विधि-शिक्षा का प्रसार करने में सहायक होगी। ऐसा होने से, कानूनी रूप से जागरूक और प्रबुद्ध समाज के निर्माण में सहायता मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि गुणवत्ता तथा संख्या दोनों पर ही न्यायिक प्रणाली की दक्षता और जवाबदेही निर्भर करती है। जहां एक ओर हमारे न्यायाधीशों की गुणवत्ता और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को दुनिया भर में सम्मान प्राप्त है, वहीं समय-समय पर संख्या और रिक्तियों की समस्या उत्पन्न होती रही है। फिर भी, आज हम इस सुखद स्थिति में हैं कि उच्चतम न्यायालय के सभी 31 रिक्त पदों पर योग्य न्यायाधीश नियुक्त हैं। पूरे एक दशक के बाद ऐसा हो पाया है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए कॉलेजियम और सरकार को बधाई दी।