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राष्ट्रपति ने भारतीय खनन उद्योग से कहा कि मानव सुरक्षा और जीवन को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए

राष्ट्रपति भवन : 17.08.2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविन्द ने आज (17 अगस्त, 2017) विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में खनन क्षेत्र में वर्ष 2013 और 2014 के राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पास खनिज संपदा है। इस समय हमारी जी.डी.पी. में खनिज क्षेत्र का 2.6 प्रतिशत योगदान है और यह रोजाना औसतन दस लाख से अधिक लोगों को सीधा रोजगार मुहैया कराता है और उनके परिवारों को सहायता मिलती है।राष्ट्रपति ने कहा कि हाल के दशकों में भारतीय खनन उद्योग ने गहन मशीनीकरण और नई टेक्नोलॉजी अपनाकर उत्पादन में सराहनीय प्रगति की है। भारतीय खनन उद्योग के लंबे इतिहास में इतनी तेजी से बड़े बदलाव कभी नहीं हुए। अधिक उत्पादकता और फायदे का मजदूरों की सुरक्षा के साथ संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। जन सुरक्षा और जीवन को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि खनन के क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार हमारे देश की खदानों में सुरक्षा और कल्याण के मानदण्डों को कायम रखने की एक शानदार प्रेरणा है। आज के समारोह की पुरस्कार विजेता खदानों के सुरक्षा तरीके खनन इंजीनियरी और प्रबंधन के विद्यार्थियों के अध्ययन का विषय होना चाहिए। विद्यार्थियों को अपनी जानकारी के लिए इन खदानों में भी जाना चाहिए। संबंधित प्रशासन का भी कर्तव्य है कि वह पुरस्कार विजेता खदानों द्वारा शुरू किए गए विशेष सुरक्षा तरीकों को उजागर करे और जहां जरूरी हो, इन्हें अपनाएं। राष्ट्रपति ने खनन कंपनियों से आग्रह किया कि वे मजदूरों और उनके परिवारों,स्थानीय समुदाय और उनके परिवारों, स्थानीय समुदाय और समाज के कल्याण के लिए बेहतर नीतियां बनाएं।

यह विज्ञप्ति 1410 बजे जारी की गई